AMBIKAPUR NEWS. सरगुजा जिले के सीतापुर थाना इलाके में विगत एक सप्ताह पूर्व ट्यूशन जाने के लिए बाइक लेकर निकले कक्षा 10 वीं में पढ़ने वाला 15 वर्षीय छात्र के अपहरण की शिकायत झूठी निकली है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच, घटनास्थल का निरीक्षण और 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद यह पाया कि यह पूरा मामला फर्जी है। जहां कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले नाबालिग छात्र ने परिजनों की डांट से बचने के लिए अपहरण और लूट की झूठी कहानी रची थी और थाने पहुंचकर झूठा FIR लिखाया था। आखिर क्या है पूरा मामला जानिए।

आपको बता दें कि सीतापुर थानाक्षेत्र इलाके में विगत 06 अक्टूबर को सीतापुर के आदर्शनगर निवासी कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले 15 वर्षीय नाबालिग छात्र बाइक से ट्यूशन जाने के नाम पर सुबह 07 बजे अपने घर से निकला था, लेकिन चार घंटे तक घर नहीं लौटा और बाद में दोपहर 11:30 बजे छात्र ने एक ट्रैक्टर ड्राइवर के मोबाइल से परिजनों को कॉल कर बताया कि वह जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र अंतर्गत चिकनीपानी के जंगल में है। वहीं इधर परिजनों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी थी।

सीतापुर पुलिस की पूछताछ के दौरान छात्र ने बताया था कि उसे छह युवकों ने रास्ते में उसे रोककर जबरदस्ती बाइक समेत एक पिकअप वाहन में डालकर अपने साथ ले गए थे। जिसके बाद पुलिस ने इस आधार पर बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज किया था। वहीं इधर सरगुजा एसएसपी राजेश अग्रवाल ने मामले की जांच के लिए तीन पुलिस टीमें बनाई थी। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आसपास के 50 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले और जिस पिकअप को उसने अपहरण में इस्तेमाल होना बताया था। उस गाड़ी की डिटेल निकालने पर पता चला कि वह पुणे की है और उसका चालक अंबिकापुर-सीतापुर होते हुए ओडिशा जा रहा था और पिकअप के ड्रायवर का मोबाइल लोकेशन लेने उसका रास्ते में कहीं रुकने की जानकारी नहीं मिली।

जिसके बाद जब पुलिस ने घटनास्थल का दुबारा निरीक्षण कर छात्र से बड़ी से बारीकी से पूछताछ की, तो उसके बयान बार-बार बदलने पर पुलिस को छात्र के झूठ बोलने की आशंका हुई और दुबारा बयान लेने पर छात्र ने पूरी कहानी का खुलासा कर बताया कि उसे मोबाइल फोन पर अज्ञात कॉलर्स के द्वारा कॉल कर इनामी लॉटरी में 64 लाख रुपए जीतने का झांसा दिया था। उस व्यक्ति ने उसे धर्मजयगढ़ बुलाया था लेकिन जब वो पैसे लेने के लिए वहां पहुंचा तो कॉलर का मोबाइल फोन बंद था। तब उसे ये एहसास हुआ कि उसने कोई इनाम नहीं जीता है, इसलिए उसने परिजनों की डांट से बचने के लिए डर से फर्जी अपहरण की कहानी गढ़ी थी।

वहीं इधर पूरे मामले का खुलासा करते हुए सीतापुर SDOP राजेंद्र मंडावी ने बताया कि पुलिस टीम ने नाबालिग के निशानदेही पर स्कूल बैग और बाइक को बरामद कर लिया है और छात्र के नाबालिग होने के कारण छात्र के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन उन्होंने फर्जी रिपोर्ट करने पर कोर्ट ने इस्तगासा पेश करने की बात कहते हुए छात्र की ओर से किया गया अपहरण और लूट का दावा पुलिस जांच में फर्जी और भ्रामकता फैलाने वाला बताया है। अपील की है कोई भी पीड़ित व्यक्ति यदि सही जिसके साथ अपराध हुआ वहीं व्यक्ति कानून का सहारा ले और झूठी रिपोर्ट करने से बचा जाएं ताकि फर्जी रिपोर्ट किए जाने से समाज में भ्रामकता न फैले।
