RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में कार्यरत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, जो 18 अगस्त से अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, अब सरकार के रवैये से नाराज होकर ‘मोदी की गारंटी खोज अभियान’ शुरू करने जा रहे हैं। इसके तहत आज यानी 29 अगस्त को सभी कर्मचारी राजधानी रायपुर के तूता धरना स्थल पर एकत्रित होंगे और पूरे प्रदेश में गारंटी की तलाश का अभियान चलाएंगे। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनकी मांगों को केंद्र पर टाल रही है, जबकि स्वास्थ्य और उसके कार्मिकों से जुड़े फैसले तकनीकी रूप से राज्य सरकार के दायरे में आते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने मोदी की गारंटी का नारा देते हुए घोषणा पत्र में एनएचएम संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था। लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 160 से अधिक ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते मजबूरन कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं।
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उन्होंने कहा कि अभियान के तहत सभी कर्मचारी अपने-अपने जिलों से रायपुर की ओर कूच करेंगे। रास्ते में आने वाले शहरों और गांवों में 2 लाख पंपलेट बांटे जाएंगे और आम जनता को बताया जाएगा कि सरकार की गारंटी कहां गुम हो गई। कर्मचारी घर-घर, दुकानों और राहगीरों तक अपनी व्यथा और तकलीफ साझा करेंगे।
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के उस बयान का भी खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि 10 सूत्री मांगों में से पांच पूरी कर दी गई हैं। एनएचएम संघ के अनुसार केवल एक मांग पर सर्कुलर जारी हुआ है, शेष पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। संघ ने कहा कि वे पिछले 20 वर्षों से अल्प वेतन, अस्थायी नियुक्ति और असुरक्षा के बीच काम कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगों में नियमितीकरण, स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर का गठन, ग्रेड पे और अनुकंपा नियुक्ति शामिल हैं।