UTARAKASHI NEWS. उत्तराखंड में एक बार फिर आफत आ गई है। उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने से ऊंचाई पर स्थित गांवों में आज यानी 5 अगस्त को अचानक बाढ़ आ गई और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए या तेज पानी में बह गए प्रशासन ने इस हादसे में चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि 50-60 लोग लापता हो गए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से विनाशकारी बाढ़ आ गई। मलबे में 10 12 लोग दबे हो सकते हैं उन्होंने कहा कि 20 से 25 होटल और ‘होमस्टे’ बह जाने की आशंका है इलाके के गांवों में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भाग रहे हैं।
उधर, घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा और आपदा बचाव एजेंसियां एक्टिव हो गईं NDRF, SDRF, ITBP और भारतीय सेना की इकाईयां मौके पर पहुंच गईं हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग पौड़ी से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम पांच बजे तक जनपद में 30 ग्रामीण मोटर मार्गों पर यातायात ठप हैं। जिनमें लोक निर्माण विभाग व पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल है। जिन्हें सुचारू करने के लिए दोनों विभाग की कार्रवाई गतिमान है। इसके अलावा अन्य कोई बड़ी घटना या जन-धन की हानि आदि की सूचना नहीं हैं।
धराली में अचानक आए सैलाब से सारा धराली बाजार बाढ़ की चपेट में आ गया, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। मौके की गंभीरता को देखते हुए SDRF की रेस्क्यू टीमों को मौके के लिए रवाना किया। SDRF की कुल 10 टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है। पोस्ट गंगोत्री व भटवाड़ी की टीम मौके पर पहुँचकर स्थानीय प्रशासन, पुलिस व बचाव इकाइयों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य मे जूटी हुई है।
जॉलीग्रांट से 50 जवानों को इन टीमों को ब्रीफ कर आवश्यक उपकरणों जैसे विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, कटिंग टूल्स, आरआरसॉ, रोटरी हैमर ड्रिल, डायमंड टिप चैन सॉ, पोर्टबल जेनरेटर, मेडिकल ऐडस व सैटेलाइट फ़ोन जैसी ज़रूरी उपकरणों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। इसके साथ ही ढालवाला, चिन्यालीसौड़ व उजेली(उत्तरकाशी) से भी SDRF रेस्क्यू टीमें मौके के लिए रवाना हो चुकी है।
वहीं, अचानक तेज बहाव के साथ पानी और मलबा गांव में घुस आया, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। सूचना मिलते ही हर्षिल में तैनात सेना की यूनिट हरकत में आ गई और मात्र पंद्रह मिनट में राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही सेना ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। करीब 100 जवानों की टीम मौके पर भेजी गई, जिसने पंद्रह मिनट के भीतर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए। कठिन परिस्थितियों के बावजूद सेना अब तक करीब 20 लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी है।