LORMI NEWS. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक स्कूल में नर्सरी की बच्ची के राधे-राधे बोलने पर शिक्षक द्वारा उसके मुंह पर टेप चिपकाने मामले में सरकार भी नाराज है। इस मामले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव या उपेक्षा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जोर देकर कहा कि सभी को अपने धर्म के अनुसार आचरण करने का अधिकार है और इस तरह की घटना, खासकर एक छोटी बच्ची के साथ ऐसा व्यवहार, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला दुर्ग के बागडुमर इलाके में स्थित मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल का है, जहां एक नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ कथित रूप से स्कूल की महिला प्रिंसिपल ने बर्बरता की। बच्ची का “राधे-राधे” बोलना इतना नागवार गुज़रा कि स्कूल की प्राचार्य ने उसकी कलाई पर मारने के साथ-साथ उसके मुंह पर टेप चिपका दिया।
घटना सामने आने के बाद समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई और पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल की प्राचार्य ईला ईवन कौलविन को गिरफ्तार कर लिया। बच्ची के पिता प्रवीण यादव ने नंदनी नगर थाना में इस घटना की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि बुधवार की शाम जब उनकी बेटी स्कूल से लौटी, तो वह डरी-सहमी हुई थी। बच्ची ने डरते-डरते बताया कि कक्षा में “राधे-राधे” बोलने पर स्कूल की प्रिंसिपल ने पहले उसकी कलाई पर मारा और फिर मुंह पर टेप चिपका दिया।प्रवीण यादव के अनुसार, उनकी बेटी की कलाई पर पिटाई के निशान साफ दिखाई दे रहे थे।
शिकायत में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कोई सामान्य अनुशासन का मामला नहीं था, बल्कि प्राचार्य ने जानबूझकर उनकी बच्ची को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी पारस सिंह ठाकुर ने पुष्टि की कि स्कूल की प्राचार्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।