RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव के पकड़े जाने की खबर सामने आयी है। मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के के.के. श्रीवास्तव को भोपाल के एक होटल से पकड़ा गया है। जो कि 500 करोड़ के घोटाले में आरोपी है। इसे लेकर जांच एजेंसी जल्द खुलासा कर सकती है।

दरअसल, ईओडब्ल्यू में दर्ज कई मामलों में केके श्रीवास्तव वांटेड था। ईओडब्ल्यू के साथ-साथ रायपुर पुलिस भी केके श्रीवास्तव की तलाश कर रही थी। 10 महीने पहले रायपुर के तेलीबांधा थाने में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड में 500 करोड रुपए का ठेका दिलवाने का झांसा देकर 15 करोड़ रुपए वसूलने और धोखाधड़ी करने पर केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। तब से केके और उनका बेटा फरार है। उनकी जमानत हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी है। अब दस माह बाद केके श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया गया है।


गौरतलब है कि केके श्रीवास्तव को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी माना जाता था। बिलासपुर निवासी केके श्रीवास्तव व्यापारी होने के अलावा तांत्रिक भी थे। उनसे प्रदेश के बड़े नेता तंत्र अनुष्ठान भी करवाते थे। दिल्ली के रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत ने केके श्रीवास्तव और उनके बेटे पर एफआईआर दर्ज करवाई थी।

दर्ज एफआईआर के अनुसार उनकी कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और सरकारी बिल्डिंग का निर्माण करती है। केके श्रीवास्तव ने उन्हें स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर में 500 करोड़ रुपए का ठेका दिलवाने का झांसा देकर 15 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में ले लिए थे। उसकी मुलाकात वर्ष 2023 में आध्यात्मिक गुरु प्रमोद कृष्णन के माध्यम से केके श्रीवास्तव से हुई थी। केके श्रीवास्तव ने उन्हें सरकार में ऊंची पहुंच बताई और सरकारी ठेका दिलवाले का झांसा दिया।

दर्ज एफआईआर के अनुसार, प्रदेश के सबसे बड़े नेता से केके श्रीवास्तव ने रावत एसोसिएट्स के मालिक से मुलाकात करवाई थी। जिस पर प्रदेश के सबसे बड़े नेता ने कहा था केके श्रीवास्तव अच्छे व्यक्ति हैं और ये जो बोलेंगे वो करते हैं। विभिन्न खातों में 15 करोड रुपए देने के बाद भी जब ठेके हासिल नहीं हुए, तब रावत एसोसिएट के मालिक ने अपने रुपए वापस मांगे, लेकिन केके ने पैसे नहीं लौटाए। पैसों के बदले जो चेक दिया वह भी बाउंस हो गया। जिस पर तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई।