BILASPUR NEWS. मुंगेली के कुसुम प्लांट में हुए हादसे और मजदूर के मौत को लेकर सरगांव पुलिस ने पहली FIR दर्ज की है। मृतक मजदूर के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने प्लांट इंचार्ज अमित केडिया और मैनेजर अनिल प्रसाद समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले में मशीनरी संचालन में लापरवाही और मौत को लेकर बीएनएस की धारा 106 (A) और 289 के तहत केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि, गुरुवार को रामबोड़ गांव स्थित कुसुम प्लांट में भीषण हादसा हुआ है। जिसमें साइलो के गिरने से कई मजदूर मलबे में दब गए हैं। इसमें घायल मजदूर मनोज धृतलहरे की उपचार के दौरान मौत हो गई है। मौत और प्लांट प्रबंधन की लापरवाही को लेकर परिजनों ने सरगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
बता दें कि मुंगेली के रामबोड़ में हुए हादसे के बाद कुसुम स्मेल्टर्स प्लांट की कार्यप्रणाली कटघरे में है। भीषण हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई है। 4 मजदूर अब भी मलबे में दबे हुए हैं। हादसे के पीछे प्लांट प्रबंधन की गंभीर लापरवाही की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है, साइलो के इंस्टालेशन, ट्रायल और रेस्टोरेशन में मापदंडों के अनुरूप काम नहीं किया गया। साइलो का स्ट्रक्चर कमजोर था, जिसके कारण ये गंभीर हादसा हुआ है।
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प्लांट में प्रोडक्शन चालू करने की हड़बड़ी
दरअसल, मुंगेली के कुसुम स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड में गुरुवार को भीषण हादसा हुआ। प्लांट में लगा हैवी साइलो गिर गया। जब हादसा हुआ कई मजदूर प्लांट में काम कर रहे थे। बताया जा रहा है, 3 साल पहले प्लांट शुरू हुआ था। इस दौरान प्रबंधन को प्लांट में प्रोडक्शन चालू करने की हड़बड़ी थी। साल भर पहले जब प्रोडक्शन शुरू हुआ तब प्लांट का काम पूरा नहीं हुआ था। उस समय यहां साइलो के बिना ही उत्पादन शुरू कर दिया गया। जिससे आस पास प्रदूषण फैलने लगा और उसका स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया।
जानकारी के अनुसार साल भर पहले शुरू हुए प्लांट में 20 दिन पहले ही साइलो को इंस्टाल किया गया था। इंस्टालेशन के दौरान लापरवाही बरती गई। जिसकी वजह से साइलो का स्ट्रक्चर कमजोर हो गया और काम शुरू होने पर ये स्ट्रक्चर हिलने लगा। बीच में इसका मेंटेनेंस भी किया गया। लेकिन इतनी बड़ी मशीनरी के कमजोर स्ट्रक्चर को नजरंदाज करना आखिर में भारी पड़ा। गुरुवार को साइलो भरभरा कर गिर गया।
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24 घंटे से ज्यादा समय से रेस्क्यू जारी
बताया जा रहा है, गुरुवार को मेक्निकल विभाग के कर्मचारी और मजदूर साइलो के कमजोर स्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम कर रहे थे। उसी दौरान दोपहर में 80 टन वजनी साइलो गिर गया, इस दौरान प्लांट से निकला करीब 40 टन डस्ट मैटेरियल भी साइलो में भरा हुआ था। हादसे में सुपरवाइजर, फीडर सहित अन्य मजदूर दब गए। इधर हेवी साइलो होने के कारण टीमों को रेस्क्यू में भी मशक्कत करना पड़ा। 24 घंटे से ज्यादा समय रेस्क्यू में लग गया। अब हादसे की वजह जानने के लिए कमेटी बनाने और जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
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बहरहाल, कुसुम प्लांट में हुए हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों को ताक पर रख, बिना मापदंडों का पालन किए इंडस्ट्रीज का संचालन किया जा रहा है। इसमें इंडस्ट्रीज के साथ ही उद्योग विभाग और प्रशासन की भूमिका भी कटघरे में है।