BHILAI NEWS. इस्पात नगरी भिलाई जितना यहां के स्टील प्लांट के लिए देशभर में मशहूर है वैसे ही एजुकेशन हब के रूप में भी इसकी पहचान पूरे देश में है। यहां प्रतिष्ठित कॉलेज, बड़े स्कूल्स, कई कोचिंग इंस्टीट्यूट से लेकर यहां अध्ययन और अध्यापन से जुड़ी कई हस्तियां मौजूद है। इसमें अविभाजित मध्यप्रदेश के बड़े इंस्टीट्यूट में शुमार सेक्टर-7 का कल्याण कॉलेज अपनी अलग पहचान रखता है। जहां के डॉ.विनय शर्मा प्रिंसिपल बनाए गए है।
दुर्ग जिले में सालों से राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के जिला कार्यक्रम अधिकारी का दायित्व संभाल रहे डॉ.विनय शर्मा अपने कामों और सामाजिक कार्यक्रमों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहे है। रायपुर संभाग के महासमुंद जिले में जन्मे डॉ.विनय शर्मा के पिता स्व.आर.जी.शर्मा शासकीय स्कूल में लेक्चरर रहे फिर प्राचार्य होकर सेवानिवृत्त हुए। माताजी जानकी शर्मा गृहणी रही, जिन्होंने तीन बेटी और दो बेटों के बड़े परिवार में संस्कार का पोषण किया। डॉ. शर्मा की फैमिली में कई लोग हायर एजुकेशन से जुड़े रहे। उन्होंने बताया कि घर में ही पढ़ाई का जबरदस्त माहौल था। पिताजी कम तनख्वाह के बाद भी बड़े परिवार का पालन-पोषण किया। उन्होंने सभी को बेहतर शिक्षा दी। घर में ही पढ़ाई का शानदार माहौल था।
डॉ.विनय शर्मा ने स्कूल सहित अपनी उच्च शिक्षा महासमुंद से ही पूरी की इसके बाद उन्होंने कसडोल कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया। हायर एजुकेशन का मन बाना चुके डॉ.विनय शर्मा ने बिलासपुर के गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी (मौजूदा केन्द्रीय विश्वविद्यालय) से 1992 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। डॉ.शर्मा के शोधों की काफी चर्चा होती रही। डॉ.विनय शर्मा के शोध आज भी रिलेवेंट माने जाते है। बताया जाता है कि ग्रामीण विकास की बात होने पर डॉ.विनय शर्मा के शोध, आलेख और उनकी विशेषज्ञा की काफी पूछ-परख होती है।
डॉ.विनय शर्मा ने बताया कि कल्याण कॉलेज के बारे में फूफाजी डॉ.हरिनारायण दुबे (कल्याण कॉलेज के भूतपूर्व प्राचार्य), बड़े भाई शिक्षा विभाग में सेवारत विवेक शर्मा, गर्ल्स कॉलेज रायपुर में कॉमर्स की प्रोफेसर डॉ.विनीता शर्मा के अलावा और भी कई रिश्तेदार जब मिलते थे तब खूब चर्चा किया करते थे। तब से कल्याण कॉलेज को लेकर एक अलग ही उत्साह था, लगता था कि मैं भी इस कॉलेज में पढ़ाई करूं। और देखिए साल 1995 में यहां नौकरी करने का अवसर मिला। साल 2008 में नियमित हुए। फिर विभाग, संकाय के प्रमुख, NSS के मुखिया बने और फिलहाल महाविद्यालय के प्राचार्य बन चुके हैं। डॉ.विनय शर्मा कहते है कि इस पूरे सफर में परिजनों, रिश्तेदारों के साथ ही कॉलेज स्टाफ, विद्यार्थियों, शोधार्थियों का योगदान रहा लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण रहा वो पत्नी (भिलाई महिला महाविद्यालय के कॉमर्स विभाग की प्राध्यापिका) डॉ.राजश्री शर्मा का रहा।
कल्याण कॉलेज के प्रिंसिपल बनने के बाद डॉ.विनय शर्मा ने कहा कि छात्रों के लिए उच्चतर कोटि का काम किया जाएगा। महाविद्यालय में निरन्तर रचनात्मक कार्य किये जायेंगे। एजुकेशनल एक्टिविटीज को बढ़ाया जाएगा। अनुसंधान के क्षेत्र में इनोवेशन पर जोर दिया जाएगा।