BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कवर्धा हादसे में 19 आदिवासियों के मौत मामले में स्वतः संज्ञान लिया। जनहित याचिका की सुनवाई की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई दौरान सड़क हादसों पर सख्त होते हुए नाराजगी जताई। इतना ही नहीं सड़क हादसों पर प्रशासन से सवाल भी पूछे। वहीं कवर्धा हादसे में मारे गए लोगों को मुआवजा देने पर सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का पालन किया या नहीं इस पर भी सवाल किया।
बता दें, कवर्धा जिले में श्रमिकों से भरी पिकअप खाई में जार गिरी थी। उस हादसे में 19 श्रमिकों की मौत हो गई। मामले की गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की है। इससे पूर्व भी प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों व होने वाले सड़क हादसों पर भी कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव पीडब्ल्यू डी, परिवहन आयुक्त, स्टेट हाईवे, एनएचएआई और कबीरधाम कलेक्टर सहित कुल 10 अफसरों को पक्षकार बनाया है। सभी को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई में पेश होने कहा है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने राज्य सरकार से बेहद नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि आप ट्रैफिक कैसे कंट्रोल कर रहे है, लोगों की जान कैसे जा रही है। आपके क्या नियम है सबकी जानकारी दें। सड़कों में जगह-जगह गड्ढे दिखाई दे रहे है।
रतनपुर में सड़को की हालत बहुत खराब है। सरकार जब इन मामलों की अनदेखी करेगी तो हमें सामने आना ही पड़ेगा। सुप्रिम कोर्ट के गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं हो रहा है। इस सभी पर कोर्ट ने 10 पक्षकारों को शपथ पत्र में जवाब पेश करने नोटिस जारी किया है।
मीडिया से भी की अपील
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सड़क हादसों के मामले में सुनवाई के दौरान मीडिया से भी अपील की है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक खबरें लगाए। हादसों में घायल व मरे हुए लोगों वाली खबरे पहले पेज पर देते हैं। जिससे नकारात्मकता आती है। इसलिए सकारात्मक खबरों को पहले स्ािान दें।