DANTEWADA. लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस को एक और कामयाबी मिली है। एसपी गौरव रॉय के समक्ष 18 नक्सलियों में सरेंडर किया है । सरेंडर करने वाले नक्सली अलग अलग इलाको में सक्रिय रहे हैं। ये सभी नक्सलियों के लिये रसद इकट्ठा करने के अलावा सड़क खोदने पॉम्पलेट लगाने जैसे काम करते थे।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि पुलिस की मानें तो सभी नक्सलियों को सरेंडर पालिसी का लाभ दिलाया जाएगा, ताकि ये सभी बेहतर ढंग से अपनी ज़िंदगी जी सके । 34 वर्षीय हिडमा ओयाम हुर्रेपाल पंचायत मिलिशिया प्लाटून (एचपीएमपी) सेक्शन कमांडर के रूप में कार्यरत था।
वहीं, तीन महिलाओं की पहचान 23 वर्षीय संबती ओयम, 28 वर्षीय गंगी और 20 वर्षीय हुंगी ओयाम के रूप में की गई है। बता दें कि संबती एचपीएमपी के डिप्टी कमांडर के रूप में कार्यरत थीं।
वहीं, गंगी प्रतिबंधित सीपीआई के काकाडी पंचायत क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा हुंगी हुर्रेपाल पंचायत के सदस्य हैं।
कुल 18 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की भैरमगढ़ और मलंगेर क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे।
गौरव राय ने बताया कि नक्सलियों ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ से प्रभावित थे और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश थे।
एसपी ने कहा, ‘इन कैडरों को सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ काटने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था।
उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ, दंतेवाड़ा जिले में अब तक 738 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जिनमें से 177 नक्सलियों पर इनाम घोषित था।