BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रहे दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में कारोबारी अरविंद सिंह को बेल दे दिया है। मंगलवार को इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच ने फैसला दिया। बेल के लिए अरविंद सिंह के तरफ से एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट स्टे को आधार बनाया।
बता दें, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में आरोपियों को हाईकोर्ट से बेल मिल रही है। पहले शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को बेल दी। अब आरोपी अरविंद सिंह को भी बेल दे दी है।
केस की पैरवी करते हुए अरविंद सिंह के अधिवक्ता राजीव श्रीवास्वत ने बहत करते हुए कहा कि यह पूरा मामलाा आईटी रेड के आधार पर ईडी ने की है। इसमें मनी लांड्रिग केस नहीं बनता। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले ही स्टे दे दिया है।
वहीं ईडी ने भी केस में चालाने पेश कर दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ता को जेल में रखना उचित नहीं है। यह संवैधानिक अधिकारों का हनन है। सभी पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अरविंद सिंह की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।
पहले ही दो आरोपियों को मिल गई है बेल
हाईकोर्ट में शराब घोटाला के आरोपी अनवर ढेबर व रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को भी हाईकोर्ट से बेल मिल गई है। अब अरविंद सिंह को भी बेल दे दिया गया है।
ईडी ने की थी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के कार्यकाल में शराब घोटाला मामला सामने आया था। ईडी ने इस मामले में कार्रवाई की। जांच में पाया कि राज्य सरकार की सरकारी दुकानों से ही नकली होलोग्राम वाली शराब बेची गई।
ईडी ने इस घोटाले में अनवर ढेबर ने आबकारी अफसर अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह संचालि किया। इसके प्रभाव के आगे पूरा सरकारी तंत्र बेबस था। ईडी की कार्रवाई में अधिकारी अनिल टुटेजा से मिली भगत होने का दावा किया गया।