BILASPUR. छठ पूजा के लिए सोमवार की सुबह तोरवा छठ घाट में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जहां पर उदयमान सूर्य देव को अर्घ्य देने पानी में व्रती व उनका परिवार खड़ा रहा। जैसे ही सूर्य देव ने दर्शन दिए सूर्य देव के मंत्रों का जाप करते हुए कच्चे दूध से अर्घ्य देकर पूजन किया। उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे के कठोर व्रत को पूर्ण किया। छठ घाट में जहां देखो वहां तक श्रद्धालु हाथों में कलश व श्रीफल लिए नजर आए।
बता दें, छठ पूजा पिछले 3 दिनों से चल रही थी। जिसका समापन सोमवार को उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूर्ण हुआ। पहले दिन नहाय-खाय की विधि से पूजन प्रारंभ हुआ। इसके बाद दूसरे दिन खरना की विधि में व्रती ने व्रत कर घी चुपड़ी रोटी व गुड़ से बनी खीर का भोग लगाया। तीसरे दिन डाला में मौसमी फलों को रखकर व ठेकुआ सहित पूजन सामग्री लेकर संध्या अर्घ्य की विधि पूरी की। इसके बाद अरूणोदय के दौरान सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत को पूरा किया गया।
छठ के गीतों से भक्तिमय हुआ वातावरण
छठ घाट पर कई सालों से व्रती पूजन के लिए पहुंते है। समय के साथ भक्तों की आस्था छठ पूजा के प्रति बढ़ रही है। जिसके कारण अब छठ घाट में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचते है।
छठ के रंग में रंग जाता है पूरा बिलासपुर
छत्तीसगढ़ में कोई भी व्रत या पर्व हो यहां के लोग उस रंग में रंग जाते है और बड़े उत्साह के साथ पर्व को मनाते है। बिलासपुर के छठ घाट में पूजन के दौरान माहौल यूपी-बिहार से कम नहीं नजर आता है। छठ घाट चार दिनों के लिए बिहार के लोक पर्व के रंग को अपने में समेट लेता है।
रात से ही पहुंचे भक्त घाट पर
छठ पूजा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक होती है कि रात से ही लोग गन्ना व डाला लेकर घाट पर पहुंचते है। रात के तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। रात से ही घाट पर मेले का माहौल देखने को मिलता है।