RAJIM. राजिम के दो पंचायत सचिव बर्खास्त कर दिए गए हैं, जिला पंचायत सीईओ ने कार्रवाई करते हुए दो पंचायत सचिव को नौकरी से हटा दिया है। बताया जा रहा है कि ये पंचायत सचिव लगातार अनुपस्थित थे। जिसके बाद सीईओ ने सिर्रीखुर्द और सोनासिल्ली के सचिव को नौकरी से बाहर कर दिया है। यह पूरा मामला जनपद पंचायत फिंगेश्वर का है, बर्खास्त होने वाले सचिवों का नाम गणेश राम वर्मा और लल्लूराम साहू है।
कुछ दिनों पहले ऐसी ही एक खबर दुर्ग जिले से आयी थी, जिसमें शासकीय कार्यों में आर्थिक अनियमितता करने वाले पंचायत सचिव को शासकीय सेवा से बर्खास्त किया गया था। जिला पंचायत सीईओ द्वारा आरोपी सचिव के खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई थी। छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1999 के नियम के भाग 3 अनुशासन 5 शास्तियां के उपनियम (ख) दीर्घशास्तियां के निमय (सात) के तहत् सेवा से बर्खास्त किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, श्यामकार्तिक यादव, तत्कालीन संचिव, ग्राम पंचायत करेली/डगनिया जनपद पंचायत धमधा, जिला दुर्ग के द्वारा ग्राम पंचायत करेली में पदस्थापना के दौरान पीएफएमएस से किसी अन्य फर्म को राशि भुगतान किये जाने एवं रोकड़ में अन्य फर्म का देयक लगाया जाना पाया गया था। वहीं पीएफएमएस के माध्यम से भुगतान की गई राशि को रोकड़ में नगद राशि दर्ज किया गया है, साथ ही लेखा नियम का पालन नहीं किया गया। मामले की जांच के दौरान तकनीकी / प्रशासकीय स्वीकृति मूल्यांकन व सत्यापन के बिना निर्माण कार्यों का कराया जाना एवं राशि रुपये 3 लाख 30 हजार 450 का व्यय किया जाना पाया गया।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत डगनिया, जनपद पंचायत धमधा जिला दुर्ग में पदस्थापना के दौरान सचिव ने शैल वर्मा, सरपंच के हस्ताक्षर स्कैन कर सरपंच के बिना जानकारी के हस्ताक्षर सील बनवाकर राशि रुपये 1 लाख 67 हजार 200 एवं 1 लाख 50 हजार कुल राशि रुपये 3 लाख 17 हजार 200 सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से बिना ग्राम पंचायत प्रस्ताव के आहरण किया जाना पाया गया। राशि आहरण हेतु प्रस्तुत विड्राल फार्म के साथ संलग्न ग्राम पंचायत का प्रस्ताव फर्जी पाया गया। उक्त समस्त की जांच विभागीय स्तर पर कराया गया।
बताया गया था कि सचिव श्यामकार्तिक यादव द्वारा सूचना प्राप्त के उपरांत भी विभागीय जांच हेतु निर्धारित तिथि में अनुपस्थित रहे। इस प्रकार विभागीय जांच में श्यामकार्तिक के द्वारा असहयोग किया गया। ग्राम पंचायत डंगनिया में सरपंच के बिना जानकारी के फर्जी सील में राशि आहरण करने को श्यामकार्तिक यादव द्वारा अपने प्रतिउत्तर में स्वीकार किया गया था। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।