बिलासपुर। प्रदेश के सस्पेंड एडीजीपी जीपी सिंह (ADGP GP Singh) की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 6 दिन पहले ही रोक हटा दी है। राहत देने से इनकार करते हुए सख्त टिप्पणी की थी। साथ ही सुनवाई के लिए हाईकोर्ट को 8 सप्ताह का समय दिया था। इस मामले बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में 10 नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी। रायपुर में दर्ज आय से अधिक संपत्ति व राजद्रोह और भिलाई में कारोबारी से वसूली मामले एक साथ सुने जाएंगे।
भिलाई के स्मृति नगर चौकी में करीब दो माह एक पहले कारोबारी ने एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोप लगाया कि झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर जीपी सिंह (GP Singh) ने 1 करोड़ रुपए मांगे थे। घबराकर उसने 20 लाख रुपए तक दे दिए थे। मामला साल 2015-16 का बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले में आईपीसी 388 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में चल रही है। इसमें कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई है। इससे पहले उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह का केस रायपुर पुलिस ने दर्ज कर रखा है। जीपी सिंह ने इस मामले को भी लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी। इसके बाद जीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट गए थे।
TNS