DURG. सूचना के अधिकार (RTI) के अंतर्गत आवेदकों को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। आवेदक सूचना के अधिकार अंतर्गत जिस जानकारी को प्राप्त करने चाहते है उसके लिए ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा भी मिलेगा। यह जानकारी दुर्ग पहुंचे छत्तीसगढ़ राज्य सूचना विभाग के आला अफसरों ने दी।

दुर्ग में शुक्रवार को कार्यशाला हुई। कार्यशाला में सूचना विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी जनसूचना अधिकारी को तैयार नहीं करनी है। कार्यशाला में कहा गया कि कार्यालय में इससे संबंधित जो दस्तावेज हैं उसे ही उपलब्ध कराना है। सूचना के अधिकार की बारीकियों का जितना अध्ययन करेंगे, उससे आवेदकों को सही, संतोषप्रद और परफेक्ट जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक होगी।
सूचना के अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का अधिकारियों ने समाधान किया। राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त एमके.राऊत ने कार्यशाला में उपस्थित आरटीआई से संबंधित जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारियों से कही। कार्यशाला में प्रतिभागियों की जिज्ञासा का समाधान करते हुए राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, मनोज त्रिवेदी और धन्वेंद्र जायसवाल ने भी किया। आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने कार्यशाला में विस्तार से अधिनियम की बारीकियों से अवगत कराया। इस दौरान आयोग के सचिव आनंद मसीह भी उपस्थित रहे।
दुर्ग जिलाधीश पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि इस कार्यशाला से अधिकारियों को लाभ मिलेगा। कार्यशाला के दौरान बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने मन में उठ रहे सवालों को पूछा जिसका अफसरों ने समाधान किया।

जैसी हो जानकारी उसी रूप में दें
कार्यशाला में प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि आवेदक को जानकारी उसी रूप में देना है जैसी जानकारी आपके पास हो। कई बार आवेदक निर्धारित प्रपत्र में जानकारी मांगते हैं, लेकिन आपको जानकारी उसी रूप में देनी है जैसे आपके पास है। आपके कार्यालय में संधारित सभी सामग्री जैसे आदेश, ज्ञापन, ई-मेल, परिपत्र, प्रेस विज्ञप्ति, लाग बुक, इलेक्ट्रॉनिक रूप से धारित आंकड़ा ऐसी सामग्री हो सकती है। उन्होंने बताया कि अब आवेदकों को आनलाइन पेमेंट कर सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन करने की सुविधा भी मिलेगी।

रजिस्टर्ड डाक से जानकारी भेजनी है श्रेष्ठ
आयोग के अधिकारियों ने कहा कि रजिस्टर्ड डाक से जानकारी भेजनी ही बेहतर है। क्योंकि आपके पास इसका प्रमाण होता है। रजिस्टर्ड डाक से भेजी जाने वाली डाक पोस्टल डिपार्टमेंट सीधे संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराता है, इसके चलते आवेदक तक सूचना के पुख्ता रूप से पहुंच जाने की पुष्टि हो जाती है।
पांच दिन के भीतर अंतरित कर दें जानकारी
आयोग के अधिकारियों ने कहा कि कई बार दूसरे विभाग से संबंधित जानकारी आवेदक द्वारा मांगी जाती है। इसे पांच दिन के भीतर विभाग को अंतरित कर देना होता है अन्यथा जनसूचना अधिकारी द्वारा स्वयं उस विभाग से जानकारी लेकर आवेदक को देना होगा।

कोई मांगे व्यक्तिगत सूचना, तो यह करें
आयोग के अधिकारियों ने कहा कि कई बार आवेदकों द्वारा व्यक्तिगत सूचना मांगी जाती है। ऐसी सूचना देने के लिए संबंधित व्यक्ति से पूछ लेना चाहिए कि क्या उसकी सूचना साझा कर सकते हैं। व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित कुछ सूचनाएं नहीं देनी चाहिए, कुछ सूचनाएं जो व्यापक लोकहित के लिए दिए जाना जनसूचना अधिकारी को जरूरी लगता है उसे साझा किया जा सकता है। कई बार सूचना दिए जाने से स्रोतों के अनुनपातिक रूप से विचलित होने की आशंका होती है। ऐसे में अवलोकन के लिए आवेदक को बुलाया जा सकता है। पहले घंटे यह अवलोकन निःशुल्क रहेगा, फिर पांच रुपए प्रति घंटे शुल्क लगेगा।



































