BILASPUR NEWS. बिलासपुर में उत्तर प्रदेश के ट्रक ड्राइवर गोपाल कोल की हत्या के मामले में पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश कर दिया है। शराब पीते समय हुए विवाद, फिर पत्थर से हत्या और सबूत मिटाने के लिए शव व कपड़े जलाने की साजिश—इस पूरे मामले को उजागर करने में पुलिस को कई दिनों की मेहनत लगी।

जांच में सामने आया कि हत्या के बाद आरोपी अरुण मानिकपुरी डरकर प्रयागराज चला गया, जहां उसने मुंडन कर गंगा में स्नान किया। उसका साथी धनेश लोधी बिलासपुर में घूमता रहा। दोनों को पुलिस ने भेष बदलकर की गई गोपनीय कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया।
पुलिस ने रखा हर एंगल पर फोकस
एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल और सीएसपी निमितेश सिंह के मुताबिक, 7 नवंबर को होटल ग्रैंड लोटस के पीछे झाड़ियों में अधजली लाश मिली थी। पहचान मुश्किल थी। टावर डंप से 1,000 से ज्यादा नंबरों की जांच करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं मिला।
16 दिन बाद मृतक की पहचान गोपाल कोल (26) के रूप में हुई, जो सोनभद्र (यूपी) का निवासी था। लव अफेयर, पारिवारिक विवाद, जमीन, रिश्तेदार—पुलिस ने हर एंगल से पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

शराब दुकान के पास तैनात किए गए खुफिया पुलिसकर्मी
केस सुलझाने के लिए एसएसपी रजनीश सिंह ने एक स्पेशल टीम बनाई, जिसमें सरकंडा और सिविल लाइन के आरक्षक—वीरेंद्र सिंह, केशव मार्को और वीरेंद्र साहू को शामिल किया गया। इन पुलिसकर्मियों को भेष बदलकर शराब दुकान के आसपास बैठने और शराबियों की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया। इसी दौरान शराब पी रहे एक युवक ने बातचीत में बताया कि उसने हत्या देखी और सबूत जलाते भी देखा। पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय किया और सूचना कलेक्ट की। तब पता चला कि आरोपियों अरुण और धनेश ने ही हत्या की है।

आरोपियों की गिरफ्तारी इस तरह हुई
सूचना के आधार पर पुलिस ने तिफरा के अभिलाषा परिसर निवासी अरुण मानिकपुरी को पकड़ा। पूछताछ में उसने हत्या स्वीकार कर ली।
इसके बाद उसका साथी धनेश लोधी (उर्फ राजा) को यातायात नगर से गिरफ्तार कर लिया गया।
कैसे हुई थी हत्या?—विवाद से बर्बर वारदात तक की कहानी
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि 7 नवंबर की रात वे सब्जी मंडी के पीछे शराब पीने गए थे। वहां गोपाल कोल पहले से शराब पी रहा था। नशे में विवाद, गाली-गलौज और मारपीट शुरू हो गई। इसी दौरान दोनों आरोपियों ने पत्थर से गोपाल के सिर पर हमला किया, जिससे वह मौके पर ही मर गया।

वारदात के बाद दोनों इतने डर गए कि शव को कचरों के ढेर में ले जाकर आग लगा दी। अपने खून सने कपड़ों को भी जलाया। मनडाडोल तालाब में नहाकर खुद पर लगे खून के निशान मिटाए और ट्रैक के पास पड़ी साड़ी में लिपटकर घर लौटे।
नशे में दोस्तों से निकला सच
हत्या के कई दिनों बाद दोनों आरोपी फिर साथ घूमते रहे। इसी दौरान नशे में इन्होंने अपने दोस्तों को पूरी कहानी बता दी। दोस्तों ने यह बात पुलिस तक पहुंचाई और मामला खुल गया।


































