INDORE NEWS. इंदौर पुलिस के हत्थे ऐसा शातिर चोर लगा है, जिस पर चोरी, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी अब्दुल रशीद उर्फ तलवार सिंह मूल रूप से खजराना इलाके का रहने वाला है, लेकिन बीते 18–19 साल से महाराष्ट्र के अकोला में छिपकर रह रहा था।

वह हाल ही में एसआईआर प्रक्रिया के तहत माता–पिता की जानकारी अपडेट करवाने इंदौर आया था। यहीं उसने फिर चोरी की वारदातें कीं और पुलिस की जालबंदी में फंस गया। जोन-3 के डीसीपी राजेश व्यास के मुताबिक, पलासिया थाना पुलिस ने आरोपी से करीब 7 लाख 50 हजार रुपए का माल बरामद किया है।
इसमें सोने-चांदी के कीमती आभूषण और करीब 50 हजार रुपए की चोरी की बाइक शामिल है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अब्दुल पर इंदौर और महाराष्ट्र दोनों जगहों पर 100 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। साल 2006 में इंदौर में चोरी में पकड़े जाने के बाद वह अकोला भाग गया था और वहीं से अपराधों की नई सीरिज शुरू कर दी।
तिलक नगर से चुराई बाइक
करीब 10 दिन पहले वह इंदौर आया तो पहले तिलक नगर क्षेत्र से एक बाइक चुराई। इसके बाद पलासिया इलाके की मल्टियों में सूने फ्लैट तलाशते हुए गीतानगर के गायत्री अपार्टमेंट पहुंचा। यहां एक हॉस्टल संचालिका के खाली फ्लैट का ताला तोड़कर करीब 10 लाख रुपए के गहने और नकदी उड़ा ले गया।

चोरी की बाइक से अकोला भागा
वारदात के बाद वह बहन के घर रुका और अगली ही सुबह उसी चोरी की बाइक से अकोला भाग निकला। इंदौर पुलिस ने लगातार बढ़ रही चोरियों को रोकने के लिए स्पेशल प्लान बनाया। 800 से ज्यादा CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले गए। साथ ही मुखबिर तंत्र एक्टिव किया गया और तकनीकी और फील्ड सर्विलांस के जरिए अब्दुल की लोकेशन ट्रेस की गई।

सिर काटकर पहुंचा था थाने
आखिरकार उसे दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह SIR फॉर्म भरने के बहाने इंदौर आया था और साथ में चोरी की प्लानिंग भी कर ली थी। अब्दुल के अपराधी बैकग्राउंड की सबसे खौफनाक कड़ी महाराष्ट्र के वर्धा क्षेत्र की है, जहां वह “फेमस” होने के शौक में एक व्यक्ति का तलवार से सिर काटा और उसे लेकर थाने पहुंच गया था।

तलवार सिंह के नाम से हुआ फेमस
सिर हाथ में लेकर खुद ही सरेंडर हुआ, तभी से स्थानीय गैंग और पुलिस सर्किल में उसका नाम “तलवार सिंह” पड़ गया। एसीपी तुषार सिंह के अनुसार, आरोपी अभी भी बेहद शातिर और हिंसक प्रवृत्ति का है, इसलिए उससे सख्त पूछताछ की जा रही है और इंदौर के पुराने अनसुलझे मामलों को भी उससे लिंक कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।



































