INDORE NEWS. दिल्ली ब्लास्ट मामले में पकड़े गए अलफलाह यूनिवर्सिटी के संचालक जावद अहमद सिद्दीकी के पापों का घड़ा अब फूट चुका है। उसके महू स्थित अवैध मकान पर छावनी परिषद ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है।

महू के कैंट बोर्ड ने तीन दिनों के भीतर मकान को खुद से गिराने का नोटिस जारी किया है, नहीं तो वे इसे जबरन गिराएंगे। यह चार मंजिला बिल्डिंग करीब 25 साल से खाली पड़ा है। इसमें 25 से अधिक खिड़कियां और पांच दुकानें हैं। मामले के ताजा अपडेट में बताया गया है कि महू के कायस्थ और मुकरी मोहल्ला मार्ग पर मौजूद यह भवन जावद अहमद सिद्दीकी का है।
बुधवार को जारी किया गया था नोटिस
बुधवार को जारी नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि तीन दिन के अंदर मकान को गिराने का आदेश दिया गया है। अगर मकान नहीं गिराया गया, तो एजेंसियां तीन दिन बाद स्वयं बुलडोजर लेकर कार्रवाई करेंगी। छावनी परिषद के सीईओ विकास कुमार ने बताया कि पहले भी अवैध निर्माण को लेकर कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं।

सेना के जवान भी रहेंगे मौजूद
सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महू कोतवाली पुलिस और सेना के जवान भी कार्रवाई के दौरान मौजूद रहेंगे। इसके लिए इंदौर से जेसीबी और बुलडोजर मंगवाए जाएंगे, ताकि कार्यवाही पूरी तरह शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से हो सके।

आस-पास के मकानों को नहीं होगा नुकसान
जावद सिद्दीकी का मकान मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण आसपास के अन्य मकानों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए जेसीबी सहित हथौड़े और घन से सिर्फ मकान के ऊपरी हिस्से को तोड़ा जाएगा। साथ ही मलबे को तुरंत डंपरों की मदद से हटा दिया जाएगा ताकि ट्रैफिक प्रभावित न हो।

25 साल पहले लोगों से की थी धोखेबाजी
जावद अहमद पर आरोप है कि उसने महू में 25 साल पहले निवेश कंपनी चलाई थी। इसमें कई लोगों से लाखों रुपये लेकर वह फरार हो गया था। दिल्ली ब्लास्ट के तत्काल बाद देशभर में उनकी संपत्तियों और जमीनों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। महू पुलिस प्रशासन और जांच एजेंसियां उनके पुराने रिकॉर्ड्स की भी गहन जांच कर रही हैं।




































