RATLAM NEWS. महू–नीमच फोरलेन पर रतलाम शहर में इंदौर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की बड़ी कार्रवाई की है। यहां अल्प्राजोलम नामक नशे की दवा बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई है। यह फैक्ट्री किराए के गोदाम में चल रही थी, जहां आगे की तरफ बिल्डिंग मटेरियल यूनिट थी। वहीं भीतर ड्रग लैब बनाई गई थी।
छापे के दौरान करोड़ों रुपए की मशीनें जब्त की गईं और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। NCB की टीम ने फैक्ट्री से अल्प्राजोलम बनाने के उपकरण, रासायनिक सामग्री और सॉल्वेंट्स जब्त किए। अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन प्रदेश में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है।
कोर्ट में पेश किए गए आरोपी
जुटाए गए साक्ष्यों से खुलासा हुआ कि यहां बड़ी मात्रा में नशे की दवाएं तैयार की जा रही थीं। इसके बाद इन्हें अन्य राज्यों में भेजा जाता था।दोनों आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में रूप सिंह चौहान इंजीनियरिंग कर चुका है और पहले भी तेलंगाना में ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। अभिजीत सिंह ने फार्मेसी से ग्रेजुएशन किया है और वह फार्मा कारोबार से जुड़ा रहा है।
इंदौर से ऑपरेट हो रहा था ड्रग नेटवर्क
जांच में पता चला कि दोनों जनवरी 2025 से इस गोदाम में अवैध रूप से दवा बना रहे थे। NCB को पिछले कई हफ्तों से रतलाम और आसपास के इलाकों में अल्प्राजोलम की अवैध सप्लाई की जानकारी मिल रही थी। इसी सूचना के बाद इंदौर जोन की टीम ने तीन वाहनों में सवार होकर छापा मारा।
जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क इंदौर से संचालित होता था। यहां से तैयार की गई दवाएं कई राज्यों में सप्लाई की जाती थीं। अधिकारियों को फैक्ट्री से कुछ डिजिटल रिकॉर्ड भी मिले हैं, जो इस रैकेट के और फैले होने की ओर इशारा करते हैं। फिलहाल, NCB टीम रैकेट के मास्टरमाइंड और फंडिंग नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
स्थानीय पुलिस को नहीं लगी भनक
जांच पूरी होने के बाद और गिरफ्तारियां संभव हैं। यह फैक्ट्री रतलाम शहर से कुछ ही दूरी पर थी, फिर भी स्थानीय पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। इस पर अब सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। NCB ने सभी बरामद सामग्री को सील कर जांच के लिए भेज दिया है। आगे की कार्रवाई केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग की देखरेख में की जाएगी।