BILASPUR NEWS. रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में हुई एक अमानवीय घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अस्पताल में जन्मे एक नवजात शिशु के सीने पर “इसकी मां एचआईवी पॉजिटिव है” लिखी तख्ती लटका दी गई। यह तस्वीर सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई।
मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने इस कृत्य को मानव गरिमा और निजता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। अदालत ने बच्चे के माता-पिता को चार सप्ताह में दो लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।
10 अक्टूबर को सामने आई इस तस्वीर ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि नवजात के पास तख्ती लगाकर एचआईवी स्थिति का उल्लेख करने का कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं था। इस दृश्य को देखकर नवजात के पिता और परिजन फूट-फूटकर रो पड़े।
इस घटना पर मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई है, जिसने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। शासन ने यह भी कहा कि एचआईवी/एड्स (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट, 2017 के तहत भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी की किसी की बीमारी उसकी पहचान नहीं होती, पर अस्पताल में हुई इस हरकत ने इंसानियत पर सवाल खड़ा कर दिया है।