RAIPUR NEWS. नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को आवेदन सौंपकर लंबित समस्याओं के समाधान और चर्चा की मांग की है। समिति ने अपने आवेदन में प्रभावित किसानों के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं को रखा है।
समिति ने मांग की है कि योजना क्षेत्र की अन्य लेयर (लेयर 2 या लेयर 3 में अन्य प्रयोग भूमि) से प्रभावित किसानों को भूमि के बदले उसी किस्म की भूमि उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा नया रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना (मंदिर हसौद, छेरी खेड़ी, रीको, बड़ौदा, नकटी) के अनुरूप 42% विकसित भूखंड प्रदान करने की बात कही गई है।
साथ ही, समिति ने यह भी आग्रह किया है कि प्रभावित किसानों को मुआवजे की गणना, नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में भूमि आवंटन में किए जा रहे लीज डीड की दर पर की जाए। समिति का कहना है कि इन बिंदुओं पर जल्द चर्चा कर समाधान निकाला जाना आवश्यक है, ताकि प्रभावित किसानों को न्याय मिल सके।
लगातार आंदोलन और मांग करते रहे हैं प्रभावित किसान
बता दें कि इन प्रभावित किसानों का कहना है कि नया रायपुर के किसान भाजपा शासन काल में पहले 15 साल छलावा के शिकार हुए और फिर कांग्रेस शासन के पाचं वर्ष बीत गए। जिसमें 7 सूत्रीय मांग को पूरा करने का आश्वासन देकर किसान की एक भी मांग, अधिकार वादे को पूरा नहीं किया गया।
समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर एवं सचिव कामता रात्रे के अगुवाई में प्रभावित क्षेत्र के किसान अपने हक़ अधिकार को लेकर 11 सूत्रीय मांग को लेकर दिल्ली की तर्ज पर किसान आंदोलन नया रायपुर में शुरुआत किया था। जिसमें किसान अनिश्चित क़ालीन आंदोलन पर 122 दिन से एनआरडीए परिसर के सामने बैठे थे। जिस पर प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की समिति गठित कर किसानों की 7 सूत्रीय मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इसमें एक भी मांग धरातल में पूरी होती नहीं दिख रही थी।
वहीं इसी वर्ष फरवरी 2025 में नवा रायपुर अटल नगर परियोजना के अंतर्गत प्रभावित किसानों व भूमि-स्वामियों को अब कलेक्टर गाइडलाइन दर से चार गुना मुआवजा देने का निर्णय लिया गया। पहले नवा रायपुर के प्रभावित किसानों को उनकी जमीन का केवल दोगुना मुआवजा मिलता था। इसके लिए नया रायपुर राज्य सरकार ने अटल नगर विकास प्राधिकरण की ‘नया रायपुर में आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति 2017’ में संशोधन करने का निर्णय लिया।
वहीं, जिन किसानों ने परियोजना क्षेत्र में आपसी सहमति से अपनी जमीन प्राधिकरण को नहीं दी है, वे अब अपनी जमीन आपसी सहमति से प्राधिकरण को अधिक कीमत पर बेच सकेंगे। बताया गया है कि नवा रायपुर अटल नगर परियोजना क्षेत्र में कुछ सड़क सहित अन्य निर्माण कार्य जमीन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण अधूरे पड़े हुए हैं।
प्रभावितों के लिए बनाई जाए पुनर्वास नीति
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर का कहना है कि नवा रायपुर के प्रभावित किसानों को आपसी सहमति से भूमि क्रय करने पर 4 गुना मुआवजा देने का निर्णय स्वागत योग्य है। राज्य शासन वास्तव में किसानों की हितैषी है तो नवा रायपुर से लगे क्षेत्रों में जमीन की जो कीमत है, उसका चार गुना मुआवजा मिले, तो किसानों को फायदा होगा। साथ ही प्रभावित किसानों के लिए पुनर्वास नीति भी बनाई जानी चाहिए।