BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के शराब घोटाले केस में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है, मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। केस की सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में हुई। इस दौरान लखमा की तरफ से एडवोकेट हर्षवर्धन परगनिहा ने पक्ष रखा।
बता दें, कि ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बीते 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही शराब घोटाले के केस में ईओडब्लयू ने भी केस दर्ज किया है। जिसकी जांच के बाद चार्जशीट पेश किया गया है। इस मामले में भी ईओडब्लयू ने गिरफ्तार किया है। कवासी लखमा ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है।
आज शुक्रवार को जस्टिस अरविन्द वर्मा की सिंगल बेंच केस में बेल पर सुनवाई हुई, जिसमें तर्क दिया गया कि साल 2024 में केस दर्ज किया गया था, जिसमें डेढ़ साल बाद गिरफ्तारी की गई है, जो गलत है। इस दौरान लखमा का कभी पक्ष ही नहीं लिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि केवल बयानों के आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया है। जबकि, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। पूर्व मंत्री को राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।
21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा
गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार करने से पहले ED ने उन्हें 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।