KONDAGAON NEWS. कोण्डागांव जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बवाल मच गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के कथित बेतुके बयान और निष्क्रियता के खिलाफ आज जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के बयान की निंदा करते हुए बस स्टैंड में उनका पुतला फूंका और प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए।
कोण्डागांव जिला कांग्रेस कमेटी ने कुछ दिन पूर्व प्रेस वार्ता कर जिला अस्पताल में खड़ी धूल खाती 9 एम्बुलेंस, फैली गंदगी, नियुक्त न किए गए स्वीपर और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे। इसके पश्चात मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के कोण्डागांव आगमन के दौरान कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। जवाब में मंत्री ने कहा कि, बीएस-4 गाड़ियों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और दोषियों पर कार्रवाई की बात भी कही। लेकिन जब मीडिया ने इस बयान को लेकर सवाल किए, तो मंत्री द्वारा दिए गए बेतुके और भ्रमित करने वाले बयान से कांग्रेस भड़क उठी। कांग्रेस का आरोप है कि यह बयान जवाबदेही से बचने की कोशिश है।
जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रितेश पटेल ने पुतला दहन के दौरान कहना है कि, जब वाहन खरीदे गए थे, तब वे वैध थे। कई एम्बुलेंस का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन भी मौजूद है। यदि वे अवैध होतीं, तो कोटेशन पास ही नहीं हो पाता। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि ये एम्बुलेंस सिर्फ एक योजना से नहीं, बल्कि डीएमएफटी, रूबर्न मिशन, बस्तर विकास प्राधिकरण, एमडब्ल्यूयू योजना, सांसद एवं विधायक निधि जैसे विभिन्न स्रोतों से खरीदी गई थीं। 1 अप्रैल 2020 से बीएस-4 वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लागू हुआ, लेकिन इनमें से तीन एम्बुलेंस 2020 के अंत और 2021 की शुरुआत की हैं, जो बीएस-4 नहीं हो सकतीं। क्या ये वाहन जनता की सेवा के बजाय सिर्फ कार्यालय की शोभा बढ़ाने के लिए हैं?
जाँच के बाद भी कार्रवाई नहीं, क्या मंत्री जी मौन सहमति दे रहे हैं?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विभाग में पहले ही जाँच पूरी हो चुकी है, लेकिन किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर सीधा सवाल उठाया गया: क्या भ्रष्ट अधिकारियों को मंत्री का संरक्षण प्राप्त है? इस पूरे मामले में क्षेत्रीय विधायिका लता उसेंडी ने विधानसभा में भी प्रश्न उठाए हैं, लेकिन अब तक विभाग चुप्पी साधे बैठा है। कांग्रेस का कहना है कि जब रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी विभाग की थी, तो लापरवाही के लिए दोषियों को क्यों नहीं चिन्हित किया गया?
मंत्री को घेरा — आपने पद संभालने के बाद क्या किया?
कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कहा कि यह मामला केवल राजनीति का नहीं, जनता के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों का है। मंत्री जी, आप यह कहकर नहीं बच सकते कि यह सब कांग्रेस सरकार के समय हुआ। आपने पदभार संभालने के बाद क्या कदम उठाए? स्वास्थ्य विभाग अब आपके अधीन है, जवाब दीजिए!
पुतला दहन से बढ़ा दबाव, कांग्रेस करेगी बड़ा आंदोलन?
कांग्रेस ने संकेत दिया है कि यदि इस मुद्दे पर मंत्री या विभाग द्वारा संतोषजनक जवाब और कार्रवाई नहीं हुई तो वे आने वाले समय में बड़ा जन आंदोलन छेड़ेंगे। जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई एम्बुलेंस आज धूल खा रही हैं, और जनता बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है — यह शर्मनाक है। कांग्रेस ने मांग की है कि, धूल खा रही एम्बुलेंस को तुरंत चालू किया जाए, दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से सार्वजनिक माफ़ी और जवाब, स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।