DHAMTARI NEWS. अब मजदूरी करने बाहर जाना… मतलब बंधक बन जाना हो जाना है! ताज़ा मामला धमतरी के सोरिद वार्ड से सामने आया है। जहां से 6 लोगों को बहला-फुसलाकर गुजरात ले जाया गया। आरोप है कि इनमें तीन नाबालिग और तीन बालिकाएं शामिल हैं। फैक्ट्री में मोबाइल छीनकर सात दिन तक बंधक बनाकर काम कराया गया। एक युवक किसी तरह भागकर घर लौटा तब जाकर पूरी सच्चाई उजागर हुई।
ये तस्वीरें हैं उस दर्दनाक हकीकत की, जहां मजदूरी की तलाश में निकले मासूम लोग सीधे बंधक बनाने वाले नेटवर्क के शिकार हो गए। परिजनों का आरोप है कि एजेंट रायपुर में काम दिलाने का झांसा देकर मजदूरों को गुजरात ले गया। जहां उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया और फैक्ट्री की चारदीवारी में सात दिनों तक कैद कर जबरन काम कराया गया।
इधर पीड़ित परिवार ने सबसे पहले थाना पहुंचकर गुहार लगा, लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्हें महापौर के दरवाजे तक जाना पड़ा। धमतरी महापौर ने गुजरात के अधिकारियों से बातचीत कर मजदूरों की सकुशल घर वापसी का आश्वासन दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है –क्या यह सिर्फ मजदूरी के नाम पर शोषण है? या फिर इसके पीछे मानव तस्करी का संगठित गिरोह काम कर रहा है? क्योंकि आरोपों के घेरे में वही दलाल है जो कई बार इलाके के लोगों को बाहर काम कराने ले जा चुका है।
परिजनों का कहना है कि लगातार मोबाइल बंद आने से उनकी बेचैनी और भी बढ़ गई थी। अब घर वापसी का भरोसा तो मिला है… लेकिन जब तक सभी मजदूर सकुशल नहीं लौटते, तब तक सवाल पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े होते रहेंगे।
प्रदेश से बाहर काम की तलाश में जाकर बंधक बन रहे मजदूरों को लेकर बड़ा सवाल यही है, कि मजदूरी के नाम पर यह कैसा जाल? और आखिर कब तक दलालों के चंगुल में मासूम मजदूर फँसते रहेंगे?