BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के नेतृत्व में प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर चरणबद्ध आंदोलन का आगाज कर दिया है। संघ ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक प्रशासनिक संसाधनों की पूर्ति नहीं होती, तब तक सीमित संसाधनों में काम करना असंभव है।
बता दें, संघ की ओर से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री, वित्त मंत्री, गृह मंत्री सहित संबंधित विभागीय अधिकारियों को 16 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया है। इनमें विशेष रूप से राजस्व विभाग में व्याप्त संसाधनों की भारी कमी पर नाराजगी जताई गई है।
तहसील कार्यालयों में न तो पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध है, न ही आवश्यक सुरक्षा, वाहन या जरूरी बुनियादी ढांचा। ऐसी स्थिति में प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। संघ का कहना है कि शासन को बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं हुई, जिसके चलते यह आंदोलन आवश्यक हो गया।
इस क्रम में आगामी 30 जुलाई को रायपुर में एक विशाल राज्यस्तरीय प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर के अधिकारी भाग लेंगे। संघ ने इस आंदोलन को पूर्णतः शांतिपूर्ण और मर्यादित बनाए रखने की अपील की है। इस आंदोलन को लेकर प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है, और अब सबकी निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि 30 जुलाई तक मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्य का बहिष्कार करेंगे।