RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के मैनपाट में आज भाजपा के सांसदों और विधायकों का प्रशिक्षण शिविर खत्म हो गया है। जहां इन जन प्रतिनिधियों को पार्टी की रीति नीति और डबल इंजन सरकार की योजनाओं को आम जनों तक ले जाने और खुद के साथ पार्टी की छवि को जनता के बीच सकारात्मक बनाने की निर्देश दिए हैं। वहीं शिविर का क्या असर पड़ेगा? क्या भाजपा की जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर काम करेंगे ? वहीं ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग को साधने की भी पूरी रणनीति तैयार हुई है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने की डेढ़ साल बाद पहली बार भाजपा के सांसदों और विधायकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण हुआ। जहां भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान, भाजपा संगठन महामंत्री BL संतोष जैसे कई वरिष्ठ पदाधिकारी ने 12 सत्रों में कई विषयों पर विस्तार से भाजपा जनप्रतिनिधियों को संबोधित किया।
वहीं आज की आवश्यकता सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए। एक जनप्रतिनिधि अपने आचरण को जनता के बीच, अपने संसदीय क्षेत्र और डबल इंजन सरकार की योजनाओं को पहुंचने के लिए क्या काम करें ? जैसे अनेक दिशा निर्देश इन पदाधिकारियों द्वारा दिए गए।
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ विधानसभा परिणाम के रिजल्ट को देखें तो अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग कभी बीजेपी के साथ रहती है तो कभी कांग्रेस के साथ रहती है। ऐसे में इन वर्गों को भाजपा के साथ ही बनाए रखने पर भी विशेष रणनीति तैयार हुई है। जिसके तहत भाजपा के सांसद और विधायक इन वर्गों तक पहुंचे। प्रशिक्षण शिविर में भाजपा सत्ता और संगठन में आपसी तालमेल पर भी चर्चा हुई है। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा सत्ता संगठन की ताकत से ही बनती है।