RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर में मेरठ जैसी एक घटना ने हड़कंप मचा दिया। इस घटना की पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी वकील अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर रायपुर लाया जा रहा है। वहीं मृतक की पहचान किशोर पैकरा, निवासी एचएमटी चौक, हांडीपारा के रूप में हुई थी, जो शारीरिक रूप से अक्षम था और व्हीलचेयर पर चलता था। मोहदी गांव में स्थित किशोर पैकरा की जमीन का सौदा आरोपी वकील अंकित उपाध्याय द्वारा कराया गया था। जमीन की बिक्री 50 लाख रुपए में हुई थी, लेकिन किशोर को केवल 30 लाख रुपए ही दिए गए। जब किशोर को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली तो उसने 20 में से 10 लाख रुपए की मांग की, जिसके बाद आरोपी दंपति ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई।


पुलिस जांच में सामने आया कि पहले किशोर की गला रेतकर हत्या की गई, फिर उसके शव को लाल रंग के सूटकेस में बंद कर, सीमेंट भरकर पैक किया गया और अंत में स्टील ट्रंक में डालकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। ट्रंक पर मौजूद हब्बू भाई नाम की मार्किंग और CCTV फुटेज के जरिए पुलिस ने आरोपियों की पहचान की। वारदात को अंजाम देने के बाद दंपति रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली फरार हो गए थे।


आरोपी अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा, दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। रायपुर पुलिस की 3 सदस्यीय टीम आज शाम की फ्लाइट से दोनों को लेकर रायपुर लौटेगी। फिलहाल पुलिस इस जघन्य हत्याकांड के हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच ने मामले में दो प्रॉपर्टी डीलरों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।

जानिए पूरा मामला
रायपुरा की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेज-2 के पास पेटी में रखकर युवक की सड़ी हुई लाश फेंकी गई है। दोपहर बाद से पूरे इलाके में लाश की गंध इतनी फैल रही थी कि शाम होते-होते लोग झाड़ियों में देखने पहुंच गए। वहां ट्रंक देखकर उन्होंने पुलिस को सूचना दी।पुलिस ने जब ट्रंक खुलवाया तो लाश सूटकेस में ठूंसी हुई मिली। सूटकेस में सीमेंट का प्लास्टर था। फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनुसार सीमेंट का मोटा प्लास्टर करने से लाश सड़ने पर दुर्गंध नहीं उठती। हत्यारों ने इसी वजह से कत्ल के बाद युवक की लाश को ट्रंक में ठूंसा, फिर उसमें सीमेंट का प्लास्टर किया। इसके बाद चेन लगाकर सूटकेस बंद किया, फिर भी जब दुर्गंध उठने लगी तो पकड़े जाने के डर से सूटकेस को पेटी में रखकर इंद्रप्रस्थ के सुनसान इलाके में फेंक दिया था।