RAIPUR NEWS. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में छत्तीसगढ़ कैम्पा (CAMPA) की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कैम्पा मद (प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि) का उपयोग नियमों के तहत प्राथमिकता के आधार पर समुचित रूप से किया जाए।


बता दें, मुख्यमंत्री साय ने बैठक के दौरान कैम्पा मद से संचालित विभिन्न योजनाओं एवं परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की और कहा कि “राज्य का 44% भूभाग वनों से आच्छादित है, ऐसे में वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कैम्पा निधि की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, वन क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में तीसरे स्थान पर है, अतः वन प्रबंधन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता आवश्यक है।

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (कैम्पा) द्वारा अब तक की प्रगति रिपोर्ट और विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। बताया गया कि वर्ष 2019-20 से 2024-25 के बीच भारत सरकार द्वारा 7297.55 करोड़ रुपये की राशि राज्य को प्राप्त हुई, जिसमें से 4010.43 करोड़ रुपये का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया गया है।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि कैम्पा मद से वृक्षारोपण, वनग्राम पुनर्स्थापन, भू-जल संरक्षण, देवगुड़ियों का संरक्षण, वन मार्गों और पुलियों का निर्माण, चारागाह विकास, हाईटेक बेरियर निर्माण, अग्नि सुरक्षा, और वन्यप्राणी प्रबंधन जैसे कार्य संपादित किए गए हैं। इसके अलावा फ्रंटलाइन स्टाफ के लिए आवासीय भवन निर्माण और नदी तट वृक्षारोपण जैसे कार्य भी जारी हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कैम्पा मद का उपयोग वन संरक्षण के दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ की समृद्ध वन संपदा को भविष्य के लिए संरक्षित रखा जा सके।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 694.18 करोड़ रुपए की वार्षिक कार्य योजना (APO) प्रस्तावित की गई है, जिसके तहत 433.69 करोड़ रुपए की स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और वन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।