DHAMTARI NEWS. धमतरी में आज 52 गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट कार्यकाल का घेराव करने पहुंचे। ग्रामीण तीन दिन से अनिश्चितकालीन धरने में बैठे हुए हैं। आज गांधी मैदान से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे । ये वही 52 गांव के ग्रामीण है जिनके पूर्वजों ने प्रदेश की प्यास बुझाने वाली गंगरेल बांध को बनाने अपना सब कुछ दे दिया था। यानी अपना आशियाना छोड़ ज़मीन की कुर्बानी दे दी थी, लेकिन अब तक इन ग्रामीणों को प्रशासन ने ज़मीन आबंटित नहीं किया है।
इसके पहले ग्रामीणों की याचिका पर हाई कोर्ट ने 2016 में आदेश पारित किया की जिला प्रशासन 3 महीने में पात्र गंगरेल डूब प्रभावितों को ज़मीन आबंटित करे, लेकिन दुर्भाग्य है कि जिला प्रशासन चार साल बाद भी प्रभावितों को ज़मीन आवंटन नहीं कर सका है। यही वजह है को ग्रामीणों ने अपनी आवाज बुलंद करने कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे थे और ज़मीन आवंटन करने की माँग की है।
इस दौरान ग्रामीण कलेक्ट्रेट के सामने सक्षम अधिकारी को ज्ञापन देने मिन्नते करते रहे, लेकिन प्रदर्शनकारियों से सक्षम अधिकारी नहीं मिले। अब कहा जा रहा है कि कल 52 गांव के ग्रामीण मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने रायपुर तक पैदल कूच करेंगे।
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धरने पर लामबंद 52 गांव के गंगरेल डूब प्रभावित सैकड़ों ग्रामीण गंगरेल बांध प्रभावित जनकल्याण समिति के बैनर तले लगभग 40 साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज तक इन ग्रामीणों की किसी ने नहीं सुनी। बताया गया कि डूब प्रभावितों को हाई कोर्ट से व्यवस्थापन को लेकर आदेश दे दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्थापन नहीं किया गया। बताया गया कि प्रदर्शनकारी की तीसरी पीढ़ी आज जमीन आबंटन की मांग करने लामबंद हैं।
प्रभावित लोगों ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर अब मिली भगत का आरोप लगा रहे हैं।प्रदर्शनकारियों के अनुसार डूब प्रभावित कई परिवार बेघर हो गए जो आज इधर उधर भटकने मजबूर हैं। डूब प्रभावितों ने जायज माँग जल्द पूरा करने की मांग की। वहीं जायज माँगो को नजरअंदाज करने पर कल यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने धमतरी से पैदल मार्च करने की चेतावनी दी है।