NEW DELHI NEWS. भारत ने सोमवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब दिया। इस बेहद गुप्त और सटीक सैन्य अभियान में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को महज 25 मिनट में ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई में 90 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिजनों सहित कई टॉप कमांडर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “यह देश के लिए गर्व का क्षण है।” गुरुवार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
जानकारी के अनुसार, इन आतंकी ठिकानों का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जा रहा था। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों को पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI से वित्तीय, सैन्य और रणनीतिक सहयोग मिल रहा था।
इन आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचाने के लिए TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट), PAFF (पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट) और कश्मीर टाइगर्स जैसे नामों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
ऑपरेशन सिंदूर में तबाह किए गए प्रमुख आतंकी अड्डे
मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर
जैश-ए-मोहम्मद का विचारधारा और प्रशिक्षण केंद्र, जहां मसूद अजहर और उसका परिवार रहता था।
मरकज तैयबा, मुरीदके (पंजाब)
लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य केंद्र, जहां 26/11 के हमलावरों को ट्रेनिंग दी गई थी।
सरजाल/तेहरा कलां, नरोवाल (पंजाब)
जैश का लॉन्चिंग पैड, जिसका उपयोग सुरंग निर्माण, ड्रोन और हथियारों की तस्करी में होता था।
महमूना जोया सेंटर, सियालकोट
हिजबुल मुजाहिद्दीन का घुसपैठ केंद्र, जहां आतंकियों को रणनीतिक ट्रेनिंग दी जाती थी।
मरकज अहले हदीस, बरनाला
पुंछ-राजौरी में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लश्कर का अड्डा, जहां 100 से ज्यादा आतंकी रहते थे।
मरकज अब्बास, कोटली
जैश का लॉजिस्टिक सेंटर, जहां से पुंछ-राजौरी में घुसपैठ की प्लानिंग होती थी।
मस्कर राहील शाहिद, कोटली
हिजबुल का पुराना प्रशिक्षण शिविर, जहां स्नाइपिंग और बीएटी ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी जाती थी।
शावाई नाल्लाह कैंप, मुजफ्फराबाद
लश्कर का बड़ा बेस, जहां 200 से अधिक आतंकी रहते थे। 26/11 के हमलावरों को यहीं ट्रेनिंग मिली थी।
मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद
जैश का फ्रंटलाइन बेस, जहां से आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता था।
पाक सेना की खुली मिलीभगत
इन सभी अड्डों को पाकिस्तानी सेना की सीधी मदद प्राप्त थी। आतंकियों को सेना-ग्रेड संचार उपकरण, हथियार और जमीनी प्रशिक्षण दिया जा रहा था। ISI के अफसर नियमित तौर पर इन कैंपों का निरीक्षण करते थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और PoJK में मौजूद आतंक के ढांचे को हिलाकर रख दिया है। यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।