NEW DELHI. इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वर्षों से चल रहे कानूनी विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने आज इस्कॉन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए न केवल मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने का आदेश दिया, बल्कि उसकी सम्पत्तियों पर भी इस्कॉन का वैधानिक अधिकार सुनिश्चित कर दिया।
बता दें, मामला इस्कॉन मंदिर की ज़मीन और प्रबंधन अधिकार को लेकर चल रहा था, जिसमें कुछ निजी संस्थाओं और व्यक्तियों ने मंदिर की सम्पत्ति पर दावा जताया था। इससे पहले निचली अदालतों में मिश्रित फैसले आए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने अब स्थिति स्पष्ट कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, “इस्कॉन केवल एक धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत है, जिसकी पवित्रता और संपत्ति की रक्षा करना न्याय का हिस्सा है।”
इस्कॉन की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद इस्कॉन प्रवक्ता ने कहा, “यह भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और हमारे भक्तों की आस्था की जीत है। अब हम और भी निश्चिंत होकर अपनी धार्मिक सेवाएं और जनकल्याण के कार्य कर सकेंगे।”
भक्तों में खुशी की लहर
देशभर के इस्कॉन मंदिरों में इस फैसले के बाद विशेष कीर्तन और भजन-संध्या का आयोजन किया गया। भक्तों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ‘धर्म की जीत’ बताया।