UJJAIN NEWS. उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। उनके घर पर पुलिस भी पहुंची थी। बताया जा रहा है कलेक्टर निवास में अचानक से विवाद उत्पन्न हो गया था और उसी विवाद के चलते पुलिस को उनके घर जाना पड़ा था। उज्जैन के कलेक्टर का छत्तीसगढ़ से भी खास रिश्ता है। प्रदेश की राजधानी में ही इनका जन्म हुआ है। फिलहाल उज्जैन में कलेक्टर के रूप में कार्यरत है।
बता दें, कलेक्टर निवास पर पुलिस का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन बहुत कम ऐसा होता है कि उनके घर पर पुलिस का पहुंचना चर्चा का विषय बन जाए। उनके घर में अचानक से विवाद बढ़ गया। जब यह विवाद हुआ तो उस समय एसपी खुद भी मौके पर पहुंचे थे। इस वजह से यह और ज्यादा चर्चा में रहा।
जानकारी के मुताबिक जब कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने से पारिवारिक विवाद बताया है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। बस एक घरेलू मामला था। इस दौरान पुलिस जरूर पहुंची लेकिन सिर्फ एहतियात के तौर पर ही थी। विवाद बढ़ता देख किसी कर्मचारी ने ही पुलिस को सूचना दी थी।
खास रिश्ता से राजधानी रायपुर से
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह फिलहाल उज्जैन में कलेक्टर के तौर पर पदस्थ है। लेकिन छत्तीसगढ़ से खास रिश्ता है। राजधानी रायपुर इनका जन्म स्थान है। उनका नाते-रिश्तेदार व परिवार के बहुत से लोग रायपुर में ही रहते हैं। इनका जन्म 23 अगस्त 1989 में रायपुर में हुआ था तब यह मध्यप्रदेश के अंतर्गत आता था। इनकी पढ़ाई-लिखाई भी यहीं हुई। इकोनॉमिक्स में एमए किया। फिर वर्ष 2012 में यूपीएससी में चयन हुआ और एक कलेक्टर के तौर पर कार्य करना शुरू किया।
माने जाते हैं संवेदनशील कलेक्टर
आईएएस नीरज कुमार सिंह को रहने वाले तो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के है। इसके बाद जब इनका चयन यूपीएससी में हुआ। उन्होंने अपनी सेवा देनी शुरू की। तब से ही उन्हें एक संवेदनशील अफसर के तौर पर जाना जाता है। उज्जैन से पहले होशंगाबाद जिले के कलेक्टर थे। वहां देा साल तक इस पद पर रहे।
नर्मदापुरम कलेक्टर के तौर पर वो पहले अधिकारी थे जो शहर के उपेक्षित स्लम बस्ती सिलिकर मोहल्ला और आदमगढ़ पहुंचे थे। वहां लोगों से बात चीत की तो पता चला कि वहां के 50 से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी। बच्चों फीस जमा नहीं कर पाने से वे स्कूल नहीं भेजते थे। ऐसे में उन्होंने सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा। बच्चों के एडमिशन भी कराएं। इस वाकया के बाद लोग काफी खुश हुए। उनकी काफी तारिफ करते हुए कहा कि पहले कलेक्टर है जो ऐसा मिलने पहुंचे।