NEW DELHI NEWS. वक्फ संशोधन अधिनियम पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा, “लड़ाई जारी रहेगी, खत्म नहीं होगी, हमें जो भी कुर्बानी देनी होगी, देनी होगी। हमने आजादी से पहले भी कुर्बानियां दी हैं। अगर हमें लड़ना है, तो हम लड़ेंगे। अगर हमें इंतजार करना है, तो हम इंतजार करेंगे। हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं, इस देश के लोग खूबसूरत हैं, बुरे नहीं, केवल कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, हम इसमें अकेले नहीं हैं”
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन बिल संसद से पास होने के बाद इसे लेकर देश भर में विरोध की आवाजें उठ रही हैं। कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इस संशोधन बिल के खिलाफ देश भर के मुस्लिम संगठन लामबंद हो गए हैं। मुर्शिदाबाद में इस विरोध में बवाल हुआ और हिंसा भी हुई। इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है।
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मौलना महमूद मदनी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वक्फ संशोधन बिल को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने अपनी बात रखते हुए तीन मुख्य बातें कहीं। सबसे पहले मौलाना मदनी ने बीजेपी और उसके सहयोगियों पर यह आरोप लगाया कि वे ऐसा माहौल बना रहे हैं जैसे पहले के वक्फ कानून में मनमानी चलती थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले भी वक्फ बोर्ड एक व्यवस्थित प्रक्रिया के तहत बनाए जाते थे। इसमें सत्ताधारी दल अपनी पसंद के मुसलमानों को नियुक्त करते थे, लेकिन यह कहना गलत है कि तब कोई नियम-कायदा नहीं था।
वहीं मौलाना मदनी ने मीडिया के एक वर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह फैलाया जा रहा है कि वक्फ संपत्तियों पर चीन से आए लोगों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला वक्फ का नहीं, बल्कि राजनीति का है। उन्होंने इस संशोधन को मुसलमानों के नाम पर, मुसलमानों के खिलाफ और मुसलमानों के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताया, जिसमें कभी हमदर्दी दिखाई जाती है तो कभी गाली दी जाती है।
तीसरी बात मौलाना मदनी ने सभी से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के खिलाफ हर जगह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होने चाहिए। उन्होंने उन सभी हरकतों की कड़ी निंदा की जहां हिंसा हुई है, चाहे वह इस एक्ट के नाम पर हो या किसी और नाम पर, क्योंकि हिंसा आंदोलन को कमजोर करेगी।