RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसी लगातार छापे मार रही है। इसी क्रम में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहे भूमि अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले के मामले में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। EOW ने 48 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर विभिन्न स्थानों पर छापे मारे हैं।
EOW के मुताबिक रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद और दुर्ग जिलों में कई ठिकानों पर रेड की गई। इनमें प्रमुख आरोपी व्यक्तियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की गई, जिनमें निर्भय साहू, जितेंद्र साहू, दिनेश पटेल, रोशन लाल वर्मा, हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, विजय जैन, दमशेम इंस्टावेंचर, ह्दय लाल गिलहरे और विनय गांधी शामिल हैं।
EOW ने अब तक 5 गांवों में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले की पुष्टि की है, और अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत द्वारा सीबीआई जांच की मांग के बारे में वर्मा ने कहा कि सीबीआई की एंट्री इनकी ही सरकार ने बैन की थी, लेकिन अब EOW की जांच जारी है, और किसी को भी इसमें संदेह नहीं करना चाहिए।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने EOW की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसमें घोटाला करने वाले लोग बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि जो भी घोटाला करेगा, वह पकड़ा जाएगा और सजा पाएगा। जहां-जहां भी भारतमाला प्रोजेक्ट गुजरी है, वहां की जांच की जाएगी।
दूसरी ओर, CBI ने बिलासपुर में रेलवे कांट्रैक्टर झाझरिया निर्माण लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापा मारा। CBI की 8-10 सदस्यीय टीम ने कंपनी के कार्यालय और घरों में दस्तावेजों की जांच की। यह कंपनी जगमल चौक के पास स्थित है।
EOW और कार्रवाई से घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है, और इस मामले में आगे की जांच तेजी से चलने की संभावना है।