WASHINGTON NEWS. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन से आयात होने वाले स्मार्टफोन और कंप्यूटर समेत 20 टेक प्रोडक्ट को नए टैरिफ से छूट दे दी है। इन पर 145% तक के भारी शुल्क शामिल थे। अमेरिकी कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन ने शुक्रवार देर रात एक नोटिस जारी कर बताया कि ये सामान ट्रम्प के 10% वैश्विक टैरिफ और चीन पर लगाए गए बड़े आयात कर से बाहर रहेंगे। यह फैसला अमेरिकी टेक कंपनियों की चिंता के बाद लिया गया है, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर टैरिफ लागू हुए तो गैजेट्स की कीमतें 3 गुना तक बढ़ सकती हैं।
कंपनियों ने कहा था कि इससे उपभोक्ताओं की मांग घटेगी और कंपनियों की बिक्री पर इसका बुरा असर पड़ेगा। यह ट्रम्प की चीन पर टैरिफ नीति में पहली बड़ी छूट है। एक ट्रेड एनालिस्ट ने इसे ‘गेम चेंजर’ करार दिया है। इस छूट को 5 अप्रैल से प्रभावी माना गया है। काउंटरप्रिंट रिसर्च के अनुसार, अमेरिका ने जिन प्रोडक्ट को टैरिफ से छूट दी है, उनका निर्माण वहां बहुत कम होता है।
ये भी पढ़ें: नौकरी पेशा व्यक्तियों से बड़ी ठगी, लोन दिलाने के नाम पर 3.72 करोड़ का फ्रॉड, गिरोह के 7 लोग गिरफ्तार
जैसे- अमेरिका में बिकने वाले आईफोन की करीब 80% यूनिट्स चीन में बनती हैं। 20% भारत में। एपल अमेरिका में स्मार्टफोन बिक्री में आधे से ज्यादा हिस्सेदारी रखता है। ऐसे में चीन पर टैरिफ से आईफोन की कीमतें 3 गुना तक बढ़ सकती थीं। यही वजह है कि एपल ने हाल में भारत में उत्पादन बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। वेडबुश सिक्योरिटीज के ग्लोबल टेक रिसर्च हेड डैन आइव्स ने इसे ‘टेक निवेशकों के लिए सपना सच होने जैसा’ बताया। एपल, एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों और पूरी टेक इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है।
ये भी पढ़ें: पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने फिर दिखाई सक्रियता, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिया बड़ा बयान
अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, जिन 20 प्रोडक्ट्स को टैरिफ से छूट दी गई है, उनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, सेमीकंडक्टर चिप्स, टेलीकॉम उपकरण, रिकॉर्डिंग डिवाइसेज, डेटा प्रोसेसिंग मशीनें, सोलर सेल, मेमोरी कार्ड और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली शामिल हैं। ये सभी टेक इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां खास तौर पर एपल के लिए टैरिफ में छूट बड़ी राहत मानी जा रही है।
ये भी पढ़ें: एसडीएम ने 50 से अधिक मकानों को ढहाया, बलरामपुर में अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर
जब से अमेरिका ने चीन पर टैरिफ की दरों को बढ़ाकर 145% किया था, तब से एपल को 1 हजार डॉलर के हर आईफोन पर लगभग 700 डॉलर के इम्पोर्ट टैक्स का सामना करना पड़ रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 90% आईफोन चीन में ही बनाए जाते हैं। CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर को ज्यादातर अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए बेसलाइन 10% टैरिफ और चीन पर लगाए गए 125% एक्स्ट्रा टैरिफ से भी बाहर रखा गया है।
ये भी पढ़ें: जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी समेत 5 लोगों पर FIR दर्ज, PDS का चावल गबन करने के आरोप
चीन ने कहा था- झुकने के बजाय आखिर तक लड़ेंगे
अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती’ झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन उकसावे से नहीं डरता, वह पीछे नहीं हटेगा। माओ निंग ने सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट शेयर किए थे। इसमें एक पूर्व चीनी नेता माओ जेदोंग का भी वीडियो था। उसमें माओ कह रहे हैं- हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यह वीडियो 1953 का है जब कोरियाई जंग में चीन और अमेरिका अप्रत्यक्ष तौर पर आमने-सामने थे।