RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाले मामले में जेल में है। और अब उनसे EOW नक्सल फंडिंग से संबंधित सवाल भी पूछ रही है। जिस पर इधर भाजपा-कांग्रेस नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है और एक नई जंग शुरू हो गई है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कोयला और आबकारी घोटाले में नेता, कई अधिकारी समेत कई लोग जेल के अंदर हैं। तो वहीं अभी इन्हीं मामलों पर केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं। इस बीच रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर EOW की दो सदस्यीय टीम ने कवासी लखमा से नक्सलियों को फंड पहुंचाने संबंधी सवाल पूछे।
इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का कहना है कि मेरे पास भी इस तरह की बात सामने आई है । अभी इसकी सच्चाई क्या है फिर कुछ कहूंगा। लखमा को किसी का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है, नक्सली फंडिंग करने की बात को कबूलने को कहा जा रहा या भाजपा में शामिल होने की धमकी दी जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा भाजपा सरकार आदिवासी नेताओं को टारगेट कर जेल भेजने और बदनाम करने की कोशिश कर रही है। सरकार नहीं चाहती की लखमा जेल से बाहर निकले इसलिए नक्सली कनेक्शन के बाद दूसरा कनेक्शन निकालने की कोशिश कर रही है।
इधर कांग्रेस नेताओं के आरोप और नक्सल फंडिंग पूछताछ पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा नक्सलियों को फंडिंग हुई होगी तो दुर्भाग्य जनक है। पूरी जानकारी आएगी तब कुछ कहना उचित होगा ।
किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया जाता। उन्होंने कहा कवासी लखमा से जेल में मिलने कोई नहीं गया था। जेल में बंद कवासी लखमा को कांग्रेस ने लावारिस की तरह छोड़ दिया है।
कुल मिलाकर केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां घोटाले घपले की जांच कर कार्रवाई कर रही है लेकिन नक्सल फंडिंग की जांच ने कांग्रेस के लिए कई परेशानी पैदा कर दी है। कारण विपक्ष में रहते हुए बीजेपी कांग्रेस सरकार का कनेक्शन नक्सलियों के साथ बताती रही है। ऐसे में अब देखना होगा आने वाले समय में क्या केंद्रीय एजेंसियां यह साबित कर देगी कि कांग्रेस या कवासी लखमा का नक्सली फंडिंग से कोई कनेक्शन है?