KANKER NEWS. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के थाना छोटेबेठिया अंतर्गत कुरूषनार जंगल के पहाड़ी क्षेत्र में 20 मार्च को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार वर्दीधारी माओवादी मारे गए। इस संयुक्त कार्रवाई में कांकेर डीआरजी और बीएसएफ के जवान शामिल थे।
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पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि मारे गए नक्सलियों में एक मिलिट्री कंपनी नंबर-05 का सदस्य था, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम था। वहीं, एक अन्य नक्सली प्लाटून नंबर-17/ किसकोड़ो एलओएस का सदस्य था, जिस पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
एक एसएलआर रायफल, एक मैग्जीन, एक 303 रायफल, नौ राउंड गोलियां, एक 12 बोर बंदूक, एक बीजीएल (बैरेल ग्रेनेड लॉन्चर) और तीन बीजीएल सेल, एक देशी कट्टा और सात गोलियां, नक्सली पिट्ठू बैग, नक्सली साहित्य और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद किए गए हैं।
कांकेर जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में, नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम 18 मार्च को कांकेर-नारायणपुर सीमावर्ती क्षेत्र में सर्चिंग अभियान के लिए रवाना हुई थी। 20 मार्च को सुबह करीब 10 बजे कुरूषनार जंगल के पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों से आमना-सामना हुआ, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ समाप्त होने के बाद तलाशी अभियान में चार माओवादियों (तीन पुरुष, एक महिला) के शव बरामद हुए।
मारे गए नक्सलियों में शामिल लोकेश हेमला, कंपनी नंबर-05 का सदस्य था, जिस पर हत्या और अन्य गंभीर मामलों सहित छह अपराध दर्ज थे। दूसरा माओवादी जगत उर्फ गगन, प्लाटून नंबर-17/ किसकोड़ो एलओएस का सदस्य था। अन्य दो माओवादियों (एक पुरुष और एक महिला) की पहचान की जा रही है।
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बस्तर में माओवादी विरोधी अभियान तेज
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि सरकार की मंशा और जनता की इच्छा के अनुरूप, पुलिस मुख्यालय के मार्गदर्शन में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादी विरोधी अभियान लगातार चलाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति के तहत वर्ष 2025 में अब तक बस्तर संभाग में कुल 97 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें कांकेर जिले में अब तक पांच माओवादी मारे गए हैं।
बस्तर में शांति और विकास की ओर बढ़ते कदम
पुलिस महानिरीक्षक ने यह भी कहा कि बस्तर क्षेत्र में तैनात डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और अन्य सुरक्षा बलों के जवान दृढ़ मनोबल और स्पष्ट लक्ष्य के साथ क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास के लिए समर्पित हैं। अभियान के सफल संचालन से नक्सलियों के खिलाफ दबाव बढ़ा है और बस्तर में कानून व्यवस्था मजबूत हो रही है।