WASHINGTON NEWS. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद लगातार व्यवस्था बदली जा रही है। इस बीच, टम्प अमेरिकीवासियों के लिए नया मास्टर प्लान लाने जा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इनकम टैक्स व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव दिया है ताकि अमेरिकी नागरिकों की डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ाया जा सके। इिस्पोजेबल इनकम का मतलब उस आय से है जो टैक्स और दूसरे सोशल सिक्योरिटी चार्जेस देने के बाद बचती है।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप कई अहम फैसले ले रहे हैं, जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगी। वह देश में इनकम टैक्स व्यवस्था समाप्त करने की वकालत करते आए हैं। ट्रंप ने 27 जनवरी को फ्लोरिडा के डोरल में आयोजित 2025 रिपब्लिकन इश्यूज कॉन्फ्रेंस में इनकम टैक्स व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव रखा, ताकि अमेरिकी नागरिकों की डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ाया जा सके। ट्रंप का दावा है कि ऐसा करने से अमेरिका में उस व्यवस्था को वापस लाया जा सकेगा ‘जिसके चलते अमेरिका अमीर हुआ है।
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ट्रंप ने 1887 के महान टैरिफ आयोग का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अमेरिका इतना धनवान था कि सरकार के पास यह तय करने के लिए आयोग बनाना पड़ा कि इस पैसे का इस्तेमाल कैसे किया जाए। इस दौरान ट्रम्प ने कहा कि समय आ गया है कि अमेरिका उस सिस्टम में वापसी करे, जिसने हमें अमीर और पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर बनाया।
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विदेशी राष्ट्रों को समृद्ध बनाने के लिए हमारे नागरिकों को टैक्स लेने की जगह, हमें हमारे नागरिकों को समृद्ध करने के लिए विदेशी राष्ट्रों पर टैक्स लगाना चाहिए।” राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका जल्द ही बहुत अमीर बनने वाला है। 1913 से पहले अमेरिका में कोई इनकम टैक्स नहीं था और टैरिफ प्रणाली ने हमें अतीत में समृद्ध बनाया। उन्होंने दावा किया कि 1870-1913 के बीच टैरिफ के जरिए अमेरिका ने अपनी सबसे अमीर अवधि देखी।
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ऐसे समझें टैरिफ को
टैरिफ आमतौर पर कोई भी सरकार आयात और निर्यात पर लगाती है। वस्तुओं के आयात पर लगने वाली ड्यूटी को भी टैरिफ कहते हैं। टैरिफ से दो फायदे होते हैं। पहला, इससे सरकार को राजस्व मिलता है और दूसरा, देश में निर्मित वस्तुओं की कीमत आयातित की तुलना में कम रहने से घरेलू निर्माताओं को लाभ होता है।