BHILAI NEWS.संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से कला साहित्य और संस्कृति की संस्था बहुमत तथा सामाजिक संस्था श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में लोक संस्कृति पर केंद्रित संगोष्ठी तथा कृति सम्मान का गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ | कार्यक्रम में 12 रचनाकारों का सम्मान किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कवि, लेखक, इतिहासकार डॉ संजय अलंग थे |
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समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. अलंग ने कहा कि भारतीय समाज में लोक-संस्कृति की जड़ें अत्यंत गहरी हैं।देश के अलग अलग राज्यों में उनके स्वरूप भिन्न-भिन्न हो सकते हैं किन्तु व्यापक अर्थ में वे सभी भारतीय जनजीवन की गौरवशाली परम्परा का प्रतिनिधित्व करते हैं। डॉ. संजय अलंग ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति बहुलतावादी है। इसके अनेकं.स्वरुप हैं।अनेक दिशाएं हैं।कहा जा सकता है कि यह लोक-संस्कृति ही है जो हमारे जनजीवन की समरसता का केंद्र बिंदु है। इस अवसर पर अपने संबोधन में संपादक ई वी मुरली ने कहा कि रचनाकारों की पुस्तकों के लिए उनका सम्मान एक अच्छी परंपरा है।
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श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी दोनों संस्थाओं के द्वारा श्री चतुर्भुज मेमोरियल कृति सम्मान राज्य के प्रतिष्ठित रचनाकारों को प्रदान किया गया है | हमें विश्वास है कि इस सम्मान से हमारे अन्य लेखकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा | बहुमत के अध्यक्ष मुमताज ने कहा कि पुस्तकों के परिप्रेक्ष्य में लेखन का सम्मान एक स्वस्थ परंपरा है | हम इस परम्परा को भविष्य में भी कायम रखेंगे। समारोह में आयोजकीय वक्तव्य विनोद मिश्र ने तथा समापन वक्तव्य सीमा श्रीवास्तव ने दिया |समारोह का संयोजन फाउंडेशन की सचिव जसबीर कौर ने किया।समारोह का संचालन बहुमत की सचिव श्वेता उपाध्याय तथा सुमन कन्नौजे ने संयुक्त रूप से किया ।
समारोह में परविंदर सिंह, डॉ. डी पी देशमुख. राम कुमार वर्मा, संगीता मिश्रा, शंकर चरण पांडे, परमेश्वर वैष्णव, रीना देशमुख,शेखर शर्मा, प्रदीप भट्टाचार्य , अनिता पटनायक,आकाश वैष्णव ,डा. शालिनी वर्मा,संजय कुमार मिश्र, अविनाश सिपाहा, प्रदीप भट्टाचार्य, संगीता मिश्रा,विजय वर्तमान, मणिमय मुखर्जी, मेनका वर्मा, बृजलता चौबे, विजय वर्तमान ,हरी सेन ,अनीता करडेकर, कैलाश बरमेचा ,योगेश , बृजेश सिंह, ओमशंकर मिश्र आदि अनेक लेखक, पत्रकार , प्रबुद्धजन एवं संस्कृति कर्मी उपस्थित थे |
12 रचनाकारों का हुआ सम्मान
समारोह में डुमन लाल ध्रुव ने जनजातीय लोकजीवन, डॉ. सुनीता वर्मा ने चित्रकला और हमारा लोकजीवन, गोविंद पटेल ने तालाब और हमारा जनजीवन तथा विजय मिश्रा अमित ने छत्तीसगढ़ के लोकनाट्य विषय पर संगोष्ठी में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया | संगोष्ठी सत्र में पद्मश्री अजय मंडवी विशेष रूप से उपस्थित थे | दो सत्रों में संपन्न इस आयोजन में पत्रकार-संपादक ई वी मुरली, समाजसेवी राजीव चौबे, श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के संस्थापक डॉक्टर अरुण कुमार श्रीवास्तव, बहुमत के अध्यक्ष मुमताज, फाउंडेशन की उपाध्यक्ष सीमा श्रीवास्तव अध्यक्ष मंडल के तौर पर उपस्थित रहे |