RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में अगले साल यानी 2025 में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने प्रदेश में नगर निगमों के महापौर व नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए खर्च की सीमा तय कर दी है। पांच लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में महापौर प्रत्याशी 25 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। जबकि 3 से 5 लाख की आबादी वाले निगमों में 20 लाख और 3 लाख से कम आबादी वाले निगमों में खर्च की सीमा 15 लाख होगी। राज्य सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
इसी तरह 50 हजार से अधिक आबादी वाले नगर पालिकाओं के अध्यक्ष प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 10 लाख तय की गई है। जबकि 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका परिषदों के प्रत्याशी 8 लाख तक खर्च कर सकेंगे। नगर पंचायतों में खर्च की सीमा अधिकतम 6 लाख रुपए होगी। बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है।
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बता दें कि नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। साय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद नियम बदला गया था। इसमें मेयर चुनने का हक पार्षदों को दिया गया था। हालांकि भूपेश कार्यकाल से पहले भी जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी।
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छत्तीसगढ़ की 14 में से 13 नगर निगमों में इस समय कांग्रेस के महापौर हैं। हालांकि 2019 में जब चुनाव हुए थे, तब जगदलपुर की महापौर सफिरा साहू ने कांग्रेस से ही चुनाव जीता था। वह अब भाजपा में हैं। पिछली बार जनता ने पार्षदों को चुना था। पार्षदों ने महापौर चुनाव किया था।