BILASPUR NEWS. हाईकोर्ट ने पेंड्रा वन क्षेत्र में एनीकटों के निर्माण के दौरान खनिज पदार्थों की सप्लाई में अनियमितता को लेकर राज्य शासन व संबंधित विभाग को जवाब तलब किया है। याचिका में आरोप है कि भारी वाहनों से खनिज सामग्री के परिवहन पर बिना रायल्टी पर्ची देखे ही भुगतान किया गया है। इस लापरवाही से सरकार को भारी नुकसान हुआ है। 1 करोड़ 24 हजार 520 रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य शासन ने हाईकोर्ट से जवाब पेश करने समय मांगा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व बीडी गुरु के बेंच में हुई।
बता दें, पेंड्रा क्षेत्र में एनीकट निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में खनिज सामग्री का परिवहन किया गया। नियम के मुताबिक रायल्टी रसीद के आधार पर ही बिलों का भुगतान किया जाना चाहिए था, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने रसीद की जांच किए बिना ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता पुष्पराज सिंह ने दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले की जानकारी पहले वन विभाग और खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर दी गई थी। लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद याचिका दायर होने पर खनिज विभाग ने गंभीरता से जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वन विभाग और खनिज विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इस मामले में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
वन विभाग ने दिया जवाब
वन विभाग ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जवाब पेश किया है। इसमें बताया कि रायल्टी की रसीद कार्यालय में है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कोर्ट में एक भी रसीद पेश नहीं की है।