BILASPUR NEWS. पूरे देश भर में छठ पूजा चल रही है। 36 घंटे के कठोर व्रत की शुरुआत तो हो चुकी है। वहीं खरना की विधि के बाद अब गुरुवार को अस्तांचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि पूरी की जाएगी। इसके लिए सैकड़ों परवैतीन व श्रद्धालु छठ घाट पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हुए सूर्य देव को कल सुबह जल्दी उदयमान होने की प्रार्थना करेंगे।
बता दें, छठ पर्व सूर्य देव की आराधना के साथ ही छठी माता की पूजा का पर्व है। इस पर्व के प्रति लोगों की आस्था पहले बिहार व उत्तर प्रदेश में अधिक देखने मिलती थी लेकिन अब समय बदल रहा है और छठ महापर्व के महत्व को समझने वाले और आस्था रखने वाले इस व्रत को प्रदेश के लोग भी कर रहे हैं। यहीं वजह है कि इस पर्व में न सिर्फ बिहारी बल्कि छत्तीसगढ़िया भी कर रहे हैं। 36 घंटे के इस कठोर व्रत को पूरे विधि के साथ श्रद्धालु करते हैं। छठ पर्व का उत्साह भी देखने को मिल रहा है।
छठ घाट सजा दुल्हन की तरह
बिलासपुर में छठ पर्व के लिए खास तौर पर अरपा नदी के तट पर तोरवा क्षेत्र में छठ घाट तैयार किया गया है। यह प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे देश के सभी घाटों में सबसे बड़ा माना जाता है। यहां पर हजारों की संख्या में व्रती छठ व्रत की पूजा करने के लिए पहुंचते है। छठ पूजा आयोजन समिति की ओर से यहां पर पूजन के लिए व्यवस्था व साफ-सफाई की गई है। साथ ही घाट को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पूजन के दौरान घाट में बिहार की तरह ही दृश्य देखने को मिलता है।
चार दिनों तक उत्सव सा माहौल
दीपोत्सव के बाद छठ पूजा को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। 5 नवंबर को नहाय-खाय से पर्व की शुरुआत हुई है। वहीं 6 नवंबर को खरना की विधि पूरी की गई। जिसमें परवैतीन पूरा दिन व्रत कर शाम को गुड़ की खीर व घी चुपड़ी रोटी का प्रसाद अर्पित कर सभी को खिलाया और खुद भी वहीं प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद 7 नवंबर यानी की गुरुवार को संध्या अर्घ्य की विधि पूरी की जाएगी। घर से डाला सजाकर घाट पर व्रती व उसके परिवार के लोग पहुंचेंगे जहां पर विधि-विधान से सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद शुक्रवार को उदितमान सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण किया जाएगा।