BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जेल में कैदियों के बीच हो रहे लड़ाई-झगड़ों के मामलों को गंभीरता से लिया है और इस मामले की सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने इस विषय पर डीजी जेल को नोटिस जारी कर शपथ पत्र में जवाब पेश करने निर्देश दिया है। साथ ही जेल में सुरक्षा व्यवस्था सहित आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था के विषय में खास तौर पर जानकारी मांगी है।
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बता दें, प्रदेश में जेल के अंदर कैदियों में हो रहे संघर्ष के कई मामले सामने आये है। लगातार इस तरह की खबरे मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू कर दी है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद के बेंच में हुई।
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कोर्ट ने पहले प्रदेश के जेलों के निर्माण और कैदियों की संख्या की स्थिति को लेकर जानकारी मांगी थी। जिसका जवाब पेश किया गया। इसमें जेल के निर्माण में देरी का कारण बताया गया। इस पर कोर्ट ने जल्द ही कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए है। वहीं जेल में कैदियों के बीच संघर्ष के मामले में कोर्ट ने डीजी जेल से शपथ पत्र में जवाब मांगा है।
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जेलों के विषय में दी गई जानकारी
कोर्ट के द्वारा पूर्व में मांगी गई जानकारी को डीजी जेल ने प्रस्तुत किया। इसमें पुलिस महानिदेशक जेल ने हलफनामा पेश किया। जिसमें बताया गया कि 2018 और वर्तमान स्थिति में जिलों के निर्माण और कैदियों की संख्या का विवरण दिया गया। इसमें यह बताया गया कि वर्तमान में 33 नए बैरक 8 जेलों में निर्माणाधीन हैं। जिसकी क्षमता 1650 होगी। वहीं बेमेतरा में 2000 कैदियों के लिए ओपन जेल बनाए जाने की बात बताई। इस बात की भी जानकारी दी गई कि रायपुर में 4000 क्षमता वाला स्पेशल जेल और बिलासपुर में 1500 क्षमता वाला स्पेशल जेल बनाया जाना है।