देश भर में मौजूद कई बेशकीमती मूर्तियां हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। इनमे से कई मूर्तियों को चोरों ने चुराकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच दिया जाता है। ऐसी ही कुछ मूर्तियां अमेरिका के न्यूयॉर्क म्यूजियम में रखी थी, जो भारत से चुराई गई। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से चुराई गईं ऐसी कलाकृतियों को अमेरिका ने वापस देने का फैसला किया था। भारत के अलग-अलग इलाकों से चुराई गई 1400 से अधिक कलाकृतियां जिनकी कीमत 10 मिलियन डॉलर (84 करोड़) बताई जा रही है, वो लौटा दी गई है।
रिपोर्ट की माने तो बुधवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क के मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के ऑफिस से भारत से लूटी व चुराई गई कलाकृतियां वापस की गईं हैं। लौटाई गई कलाकृतियाें में कई तो ऐसी है जो हाल ही में न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में प्रदर्शित की गई थीं। इसमें मध्य भारत से तस्करी करके लंदन में बेची गई दिव्य नर्तकी की मूर्ति भी शामिल है। मध्य प्रदेश के मंदिर से 1980 के दशक में लूटी गई बलुआ पत्थर की देव नर्तकी की मूर्ति जिसे चोरी कर लंदन ले जाया गया था। बताया जाता है कि इस मूर्ति को तस्करी करने से पहले चोरों ने दो हिस्सों में बांट दिया था। ऐसा इस लिए किया गया था कि आसानी से इसकी तस्करी हो सके। बता दें, बाद में मूर्ति के दोनों हिस्सों को जोडकर म्यूजियम को दान कर दिया गया था।
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भारत को लौटाई गई प्राचीन वस्तुओं में 1960 के दशक में राजस्थान के तनेसरा-महादेव गांव से लूटी गई हरे-भूरे रंग की तनेसर देवी की मूर्ति भी शामिल हैं। इन सभी को जल्द भारत वापस लाया जाएगा। जुलाई में भारत और अमेरिका ने अवैध व्यापार को रोकने और चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं को भारत वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अमेरिका ने भारत को सितंबर में 4000 साल पुरानी 297 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं वापस की थीं।
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मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाने वाले विभिन्न तस्करी नेटवर्क की जांच की जा रही है। उनके कार्यकाल के समय जिला अटॉर्नी की पुरावशेष तस्करी रोधी इकाई ने 2,100 से अधिक पुरावशेष बरामद किए थे जो 30 से अधिक देशों से चुराए गए थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिनकी कीमत लगभग 23 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी।