BILASPUR NEWS. न्यायालय में दोष सिद्ध करने के लिए सबूतों व गवाहों की जरूरत होती है। अपराध होने पर सबूत व गवाह के आधार पर ही फैसला किया जाता है। ऐसे में गवाह बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। यहीं वजह है कि गवाहों को खुराक भत्ता यानी की अदालत तक पहुंचने रुपये दिया जाता है। अब गवाहों के खुराक भत्ता को बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है। इसमें 100 रुपये से 300 रुपये कर दिया गया है।
बता दें, सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की संवेदनशीलता से छत्तीसगढ़ अभियोजन की ओर से गवाही देने न्यायालय में आने वाले गवाहों को अब 100 के बजाए 300 रुपये खुराक भत्ता मिलेगा। राज्य शासन ने 26 सितंबर को अधिसूचना जारी किया है।
दांडिक मामलों में अदालत में उपस्थित होने पर अभियोजन गवाह को 100 रुपये की दर से खुराक भत्ता दिया जाता है जो कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 में हर छह महीने में राज्य शासन द्वारा पुनः निर्धारित की जाने वाली अकुशल कृषि मजदूर को देय दैनिक मजदूरी से भी कम है।
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इसी वजह से खुराक भत्ते की दर को पुनरीक्षित करने के लिए बिलासपुर निवासी रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र तिवारी द्वारा विधि विभाग छत्तीसगढ़ शासन को 1 फरवरी 2024 को पत्र लिखा गया था और उसकी प्रति उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भेजी गई थी।
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विधि विभाग ने उक्त पत्र पर उचित कार्यवाही के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को भेज दिया। इस पर कार्यवाही की गई और अब 26 सितंबर 2024 के राजपत्र के अनुसार भत्ते की दर 100 रुपये से 300 रुपये कर दिया गया है।