BILASPUR NEWS. जिले में शासकीय भूमि के फर्जी वाड़े के कई मामले इन दिनों सामने आए है। इन सब मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों का कारनामा उजागर हुआ है। वहीं एक बार फिर से करोड़ों की नजूल जमीन के अवैध रजिस्ट्री का मामला सामने आया है। कुदुदंड इलाके में स्थित 2 एकड़ 13 डिसमिल नजूल जमीन की 54 टुकड़ों में अवैध रजिस्ट्री करने के मामले में दो तत्कालीन उप पंजीयकों लक्ष्मी पांडेय व वीएस मिंज के निलंबन का प्रस्ताव कलेक्टर अवनीश शरण ने शासन को भेजा है। इसके साथ ही इस मामले में जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में कैविएट भी दायर कर दिया है ताकि जमीन के खरीदारों या अवैध प्लाटिंग करने वालों को स्टे न मिल सकें।
बता दें, यह मामला कुदुदंड क्षेत्र का है। जहां पर 2 एकड़ 13 डिसमिल नजूल भूमि की अवैध प्लाटिंग कर 54 टुकड़ों में बेच दी गई थी। नजूल भूमि का स्वामी भूपेन्द्र राव तामस्कर और राजेश अग्रवाल ने मिलकर इस जमीन की रजिस्ट्री की। यह भूमिक आवासीय प्रयोजन के लिए लीज पर दी गई थी।
इसकी लीज 2015 में खत्म हो गई थी। लीज धारक के आवदेन पर इसे 30 वर्षों के लिए बढ़ाते हुए 31 मार्च 2045 तक के लिए नवीनीकृत किया गया। इसके बाद आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को बिना भवन अनुज्ञा और बिना अनुमति के टुकड़ों में बेच दिया गया।
इस अवैध बिक्री में नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई और ना ही टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से ले आउट पास करवाया गया। इसके बाद भी तत्कालीन उप पंजीयकों लक्ष्मी पांडेय व वीएस मिंज ने इसकी रजिस्ट्री कर दी। इसके साथ ही नामांतरण भी कर दिया गया। जबकि इस नामांतरण को रोकने के लिए निगम आयुक्त ने नजूल अधिकारी को पत्र भी लिखा था।
कलेक्टर ने की जांच टीम गठित
इस मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की। जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बात भी सामने आयी है। जांच में पाया गया कि आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को नियमों का उल्लंधन कर 54 टुकड़ों में बेचा गया और इसकी रजिस्ट्री की गई।