GARIYABAND NEWS. बिहार के वन मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार आज गरियाबंद पहुंचे। उन्होंने वन विभाग द्वारा संचालित भूतेश्वरनाथ वन प्रसंस्करण केंद्र का अवलोकन किया, जहां पर जड़ी बूटियों के माध्यम से आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार हो रही है। यहां अवलोकन के बाद इसकी तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में भी इसे लागू करेंगे। इससे जंगलों की जड़ी बूटियों का समुचित उपयोग होगा। महिला समूह को कम मिलेगा, और आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रचार प्रसार भी होगा।
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गरियाबंद में बनाई जा रही हर्बल औषधियों की चर्चा अब प्रदेश से बाहर होने लगी है। यही कारण है कि इसकी प्रशंसा सुनकर बिहार के वन मंत्री डॉ प्रेम कुमार आज गरियाबंद पहुंचे। उन्होंने महिला स्व सहायता समूह द्वारा कच्ची जड़ी बूटियों से औषधि बनाने की प्रक्रिया का अध्ययन किया। कैसे जड़ी बूटियां एकत्र की जाती हैं, कैसे उनसे दवाइयों का निर्माण किया जाता है? कैसे पैकेजिंग की जाती है? वैद्यराज की क्या भूमिका होती है? काम करने वाली महिलाओं को किस तरह भुगतान होता है? कितना मुनाफा होता है।
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हर विषय पर बारीकी सी जानकारी लेने के बाद वन मंत्री ने औषधी निर्माण का निरीक्षण किया। पैकेजिंग का तरीका देखा। भंडारण और प्रसंस्करण की व्यवस्था देखी।
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उनके साथ पहुंचे वन विभाग के अधिकारी बाकायदा सारी व्यवस्था पर जानकारी नोट करते रहें और अंत में मीडिया से चर्चा के दौरान वन मंत्री ने गरियाबंद में वन विभाग द्वारा किए जा रहे इस कार्य की भरपूर प्रशंसा करते हुए, इस तरह की योजना बिहार में भी हूबहू लागू करने की बात कही। इस अवसर पर बिहार के वन अधिकारी भी मौजूद रहे।