BILASPUR NEWS. जिले में भू माफियाओं का कब्जा है। निजी भूमि हो या शासकीय भूमि रुपयों के लालच में गड़बड़ी या गलत तरीके से हथियानें के लिए तैयार रहते है। बिलासपुर में शहर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं एक मामला कलेक्टर के जांच कराने के बाद सामने आया है। जहां पर भूमाफियाओं ने गरीबों के लिए छोड़ी गई आरक्षित भूमि को भी बेच दिया है। जांच के बाद कलेक्टर के निर्देश पर अब ईडब्ल्यूएस की जमीन को राजसात करने का आदेश एसडीएम ने जारी किया है।
बता दें, मामला बिलासपुर जिले के सकरी तहसील का है। जहां पर कॉलोनी निर्माण के लिए मेसर्स एंपल इंफ्रावेंचर के संचालक मोतीलाल दयालानी व राहुल छाबड़ा को टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग ने सशर्त अनुमति दी थी। 10.34 एकड़ में कॉलोनी निर्माण का राजस्व दस्तावेज कॉलोनाइजरों ने पेश किया था।
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शर्त के मुताबिक एक एकड़ 38 डिसमील जमीन इडब्ल्यूएस के लिए छोड़नी थी। शंकरलाल दयालानी ने कॉलोनइजरों द्वारा गरीबों के आरक्षित जमीन को बचेन की शिकायत कलेक्टर अवनीश शरण से की थी। इस पर कलेक्टर ने तखतपुर एसडीएम को जांच के आदेश दिए थे। जांच की रिपोर्ट में शिकायत सही पाया गया है।
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आरक्षित जमीन को बेच दिया अधिक दाम में
टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग ने मेसर्स एंपल इंफ्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड को ग्राम पेंडारी में 33 अलग-अलग खसरा नंबर की कुल 10.34 एकड़ जमीन पर कॉलोनी विकसित करने की अनुमति दी थी। कॉलोनाइजर को 1.38 एकड़ जमीन इडब्ल्यूएस के तहत गरीबों के लिए आरक्षित रखनी थी। गरीबों के लिए आरक्षित जमीन को अधिक दामों में बेच दिया।