BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि सरकारी कार्यालयों में पदस्थ दिव्यांग अधिकारी व कर्मचारियों के लिए अलग से ट्रांसफर पोस्टिंग नीति बनाने के निर्देश दिए है। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य शासन को दिव्यांग अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर व पोस्टिंग के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया है।
बता दें, सचिव नगरीय प्रशासन ने 12 सितंबर 2023 को आदेश को एक आदेश जारी कर नगर पालिका परिषद बेमेतरा में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर याचिकाकर्ता का तबादला नगर पालिका परिषद कुम्हारी जिला दुर्ग कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने 21 अगस्त 2024 के उस आदेश को भी चुनौती दी है जिसके तहत उसे वर्तमान पदस्थापना स्थान से हटाकर स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार पदस्थापना स्थान से हटाकर स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप दुबे ने जस्टिस पीपी साहू के बेंच में पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को प्रारंभ में शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के तहत नगर पालिका परिषद बेमेतरा में भृत्य के पद पर नियुक्त किया गया था। याचिकाकर्ता 70 प्रतिशत चलने-फिरने में अक्षमह ै। 13 सितंबर 2000 को याचिकाकर्ता को सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पद पदोन्नत किया गया।
नियुक्ति की तिथि से याचिकाकर्ता लगातार नगर पालिका परिषद बेमेतरा में काम कर रहा है। सचिव नगरीय प्रशासन ने याचिकाकर्ता सहित विभिन्न नगर पालिका परिषदों के विभिन्न कर्मचारियों को स्थानांतरित करते हुए 12 सितंबर 2023 को स्थानांतरण आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि स्थानांतरण आदेश 12 सितंबर 2023 है लेकिन अभी तक तामील नहीं किया गया है और पिछले एक साल से याचिकाकर्ता को उसकी नियुक्ति के स्थान यानी नगर परिषद बेमेतरा में लगातार काम करने की अनुमति दी गई है।
ये भी पढ़ेंः जमीन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाला आरोपी 6 साल बाद गिरफ्तार
हालांकि रिलीविंग ऑर्डर जारी होने पर याचिकाकर्ता ने पता किया तब उसे 12 सितंबर 2023 के आदेश के तहत उसके स्थानांतरण के बारे में पता चला। कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लेख किया है। कोर्ट ने लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने दिव्यांग कर्मचारी व अधिकारियों के स्थानांतरण के मुद्दे पर कहा है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं में से एक है स्वतंत्र रूप से और आसानी से घूमने में असमर्थता। दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं पर विचार करते हुए देशभर के राज्य सरकार को दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी पसंद के स्थानों पर यथासंभव तैनात करने के लिए 20 जुलाई 2000 को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।