संजीव कुमार सोनी
LALITPUR NEWS. खाते से रुपया निकालने के एवज में विधवा से रिश्वत की मांग का एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण मामला सामने आया है। यह एक ऐसा मामला है जो हमारे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और अन्याय को दर्शाता है। आरोप है कि एक राष्ट्रीय बैंक शाखा के मैनेजर द्वारा महिला से 50 हजार रुपये की माँग की जा रही है, जबकि 20 हजार रुपये महिला से जबरन वसूल लिए गए। आखिर तंग आकर महिला ने जिलाधिकारी का दरवाजा खटखटाया है।
विधवा महिलाएं अक्सर समाज में कमजोर और असहाय होती हैं। उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में जब उनसे रिश्वत की मांग की जाती है, तो यह उनके साथ एक और अन्याय होता है। इन दुष्कर परिस्थितियों की गम्भीरता को समझे बगैर भ्रष्टाचारियों को सिर्फ अपना स्वार्थ ही दिखता है।
ये भी पढ़ें: भिलाई में बच्चे के अपहरण की कोशिश, साधु के भेष में पहुंचे बदमाशों के इरादों पर फिरा पानी
न्याय पाने खातिर जिलाधिकारी के पास शिकायती पत्र लेकर पहुँची बालाबेहट के ग्राम ककोरिया निवासी दलित महिला उमा अहिरवार ने बताया कि उसके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना बीमा की 2 लाख रुपये की धनराशि खाते में आई है। जरूरत पडऩे पर जब वह खाते से रुपये निकालने के लिए बैंक गई, तो बैंक मैनेजर द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की गई। आरोप है कि मैनेजर द्वारा 20 हजार रुपये जबरजस्ती लिए गए। तब जाकर 1 लाख 40 हजार रुपये निकाल पाई। अब जब शेष राशि निकालने पहुँची तो, 30 हजार रुपये और मांगे जा रहे हैं। बताया गया कि 30 हजार रुपये नहीं देने पर मैनेजर असंतुष्ट हो गया और उसके खाते पर होल्ड लगा दिया है। पीडि़त महिला ने बताया कि शादी के लायक उसकी बड़ी लडक़ी है। 18 व 15 वर्ष के दो पुत्र हैं। एक पुत्र दिव्यांग है बोल नहीं सकता। पीडि़ता ने जिलाधिकारी से आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।