BILASPUR NEWS. हाईकोर्ट की नोटिस के बाद महाधिवक्ता कार्यालय ने जल संसाधन विभाग के ओआइसी को जरूरी दस्तावजे प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन ओआइसी ने अपनी जगह दूसरे अफसर को भेज दिया। जरूरी दस्तावेजों के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं होने पर इस फर्जीवाडे का खुलासा हुआ। नाराज महाधिवक्ता ने दोनों अफसरों पर कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की नोटिस के बाद महाधिवक्ता कार्यालय ने जल संसाधन विभाग के ओआइसी सुरेश कुमार पांडेय को रिटर्न फाइल कराने तलब किया। सुरेश पांडेय ने अपनी जगह प्रदीप कुमार वासनिक को एजी ऑफिस भेज दिया। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जरूरी दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी तब पोल खुल गई।
धोखाधड़ी से नाराज महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दोनों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने कहा है। महाधिवक्ता ऑफिस में जवाब दावा बनवाने के लिए अब शासन द्वारा नियुक्त ओआइसी को ही भेजने की बात कही है।
ये भी पढ़ेंःCGPSC 2023 मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी, साक्षात्कार के लिए 703 अभ्यर्थियों का चयन
महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव से कहा कि राज्य शासन द्वारा विभागवार नियुक्ति ओआइसी ही रिटर्न फाइल करने के लिए महाधिवक्ता कार्यालय आएंगे। किसी अन्य व्यक्ति को रिटर्न फाइल कराने आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निर्देश का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ भारतीीय न्याय संहिता की धारा 319 के प्रावधानों के तहत एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
जान लें क्या है मामला
रिट याचिकाओं की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देष के परिपालन में शासन द्वारा नियुक्त संबंधित विभाग के ओआइसी को महाधिवक्ता कार्यालय ने जवाब दावा बनवाने के लिए सूचना दी थी। सुरेश कुमार पांडे ईई डब्ल्यूआरडी, तांदुला डिवीजन दुर्ग को राज्य शासन ने सभी मामलों में प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया है।
ये भी पढ़ेंः GST कंपनसेशन सेस पुनर्गठन समूह में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री OP चौधरी भी शामिल
25 जनवरी 2024 को फाइल संबंधित प्रभारी अधिकारी को आवंटित की गई थी और उसके बाद 25 सितंबर को जवाब दावा तैयार किया गया था। 26 सितंबर को प्रदीप कुमार वासनिक ईई डब्ल्यूआरडी कोरबा साभी संदर्भित मामलों में सुरेश कुमार पांडेय बनकर जवाब-दावा बनवाने महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे। महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने ओआइसी सुरेश पांडेय समझकर जरूरी और महत्वपूर्ण फाइल प्रदीप वासनिक के हवाले कर दिया।
हाईकोर्ट के लिए रिटर्न फाइल करने के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेजों और शासन के दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा तो प्रदीप वासनिक जवाब नहीं दे सके। आखिरकार उन्होंने स्वीकार किया कि वे रिटर्न फाइल कराने के लिए सुरेश कुमार पांडेय बनकर महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे हैं। वास्तव में वह प्रदीप वासनिक है।